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आज़म खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई पूरी, जजमेंट रिज़र्व

आजम खां के खिलाफ विभिन्न आरोपों में 72 मुकदमे हैं। इनमें 71 मुकदमों में आजम को अदालतों से जमानत मिल चुकी है। एक मुकदमा शत्रु संपत्ति का है जिसमें जमानत के लिए आजम की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जे का है आरोप यह मुकदमा तीन साल पहले 2019 में रामपुर जनपद के अजीमनगर थाने में लिखा गया था जिसमें पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दायर की है।

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आज़म खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई पूरी, जजमेंट रिज़र्व

आज़म खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई पूरी, जजमेंट रिज़र्व

प्रयगाराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान की आख़िरी के सुनवाई आज पूरी कर ली है। दो साल से ज्यादा समय से सीतापुर जिला जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां बंद है। गुरुवार को जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने जजमेंट को रिजर्व रख किया है। आजम खान मामले में यूपी सरकार ने इस प्रकरण में हलफनामा दाखिल कर दिया है। जिसकी सुनवाई गुरुवार को पूरी कर ली गई है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट जजमेंट को रिजर्व रखा है।

आजम खां के खिलाफ विभिन्न आरोपों में 72 मुकदमे हैं। इनमें 71 मुकदमों में आजम को अदालतों से जमानत मिल चुकी है। एक मुकदमा शत्रु संपत्ति का है जिसमें जमानत के लिए आजम की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जे का है आरोप यह मुकदमा तीन साल पहले 2019 में रामपुर जनपद के अजीमनगर थाने में लिखा गया था जिसमें पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दायर की है। इस मुकदमे में आरोप है कि आजम ने शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। हाई कोर्ट में इस पर पिछले वर्ष दिसंबर में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- थाना प्रभारी की अनुमति के बिना किसी को मौखिक रूप से थाने में नही बुलाया जा सकता

मामले में पिछली सुनवाई को राज्य सरकार ने आजम खां की ओर से जमानत याचिका दाखिल होने के बाद हाई कोर्ट में अर्जी देकर कुछ और तथ्य प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। अदालत ने चार मई को सुनवाई की तारीख तय की थी मगर ईद के अवकाश की वजह से चीफ जस्टिस के आदेश के तहत दो मई के सभी केस की सुनवाई आज चार मई को अवकाश होने की वजह से सुनवाई गुरुवार को पूरी कर ली गई है। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला को सुरक्षित रख लिया है।