
जेएनयू विवाद को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यलय में भारी तनाव ,कैंपस छावनी तब्दील
प्रयागराज। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों व शिक्षकों पर हुए हमले के विरोध में इलाहाबाद विश्विद्यालय में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। कल तक जहां कुलपति के विरोध में कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने वाले छात्र नेता एक-दूसरे के सामने आ गए हैं । जिसके चलते विश्वविद्यालय फिर एक बार सियासत का अखाड़ा बन गया है। विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी कर रहे है। ज़बरदस्त तनाव और हंगामे को देखते हुए कैम्पस को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस और पीएसी के साथ ही सीआरपीएफ व रैपिड एक्शन फोर्स को भी लगाया गया है।
माहौल तनावपूर्ण
वामपंथी छात्र संगठनों के साथ ही एनएसयूआई व सपा छात्र सभा से जुड़े स्टूडेंट्स ढपली और ढोलक लेकर साझा तौर पर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जेएनयू में हुए हमले में एबीवीपी का हाथ बता रहे हैं। दूसरी तरफ एबीवीपी के लोग वामपंथी संगठनों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कई बार आपस मे टकराव की नौबत आई है। जिससे यहां का माहौल खासा तनावपूर्ण बना हुआ है ।
सरकार का फासीवादी चरित्र
तनाव को देखते हुए विश्वविद्यालय के सभी छात्रावास सहित डेलीगेसी में रहने वाले छात्रों के मद्देनजर फोर्स तैनात कर दी गई है । कैंपस में एडीएम सिटी सहित तमाम आला अधिकारी पहुंचे हैं । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जहां कैंपस में घूमकर वामपंथी और समाजवादी छात्र सभा सहित एनएसयूआई के खिलाफ नारेबाजी की । वहीं सभी विरोधी छात्र संगठनों ने परिषद के खिलाफ मोर्चा संभाला । एनएसयूआई के निवर्तमान उपाध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने विद्यार्थी परिषद सहित संघ को लेकर जमकर नारेबाजी की अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार का फासीवादी चरित्र है जो जनतंत्र में विश्वास रखता ही नहीं और किसी भी आवाज को हर हाल में दबा देता है । जेएनयू की घटना इसका वीभत्स उदाहरण है। वहीं वामपंथियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा की पहले अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और अब जेएनयू में तनावपूर्ण स्थिति देखते हुए प्रशासन सतर्क है । महिला छात्रावास की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
सक्रीय हुआ सियासी खेमा
गौतलब है की बीती रात जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष सहित शिक्षको से मारपीट की गई है ।जिसका आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है जबकि परिषद के कार्यकर्ताओं ने वामपंथियों पर आरोप लगाया है । जिसको लेकर देश भर के कैम्पसों में गहमागहमी का माहौल बना है । वही जेएनयू में हुए बवाल को सरकार से जोड़ा कर विरोधी खेमा इसे सियासत का रंग देने में जुटा है । जिसे लेकर एक बार फिर तनाव की स्थित देश भर में देखने को मिल रही है ।
Published on:
06 Jan 2020 06:19 pm
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