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देश की उदीयमान खिलाड़ी बिटिया की कहानी जानकर आपकी आंखें भी भर आएंगी,मदद की दरकार

locationप्रयागराजPublished: Sep 18, 2019 06:43:23 pm

बेटी के मां के गहने बिक गए, अब पैसे नहीं कि वल्र्ड चैंपियनशिप में खेले कोई नहीं आ रहा मदद को

Knowing story of girl player Muskan Yadav will fill your eyes too

देश की उदीयमान खिलाड़ी बिटिया की कहानी जानकर आपकी आंखें भी भर आएंगी,मदद की दरकार

प्रयागराज | देश में बेटी बचाओ.बेटी पढ़ाओ अभियान चल रहा। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए नए-नए नारे गढ़े जा रहे हैं लेकिन यूपी की एक बेटी आर्थिक तंगी की वजह से इंटरनेशनल टूर्नामेंट में नहीं जा पा रही है। वैसे तो खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को दर्जनों योजनाएं हैं लेकिन इस बिटिया के लिए कोई योजना काम नहीं आ रही। विवि से लेकर हर जिम्मेदार का दरवाजा खटखटा चुकी इंटरनेशनल खिलाड़ी मुस्कान की उम्मीद अब धूमिल होती जा रही। अफसोस कि वह बिना खेले ही प्रतियोगिता से बाहर होने की स्थिति में आ चुकी है।

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दरअसल मुस्कान का चयन सोलहवीं विश्व साफ्ट टेनिस चैंपियनशिप के लिए हुई है। यह प्रतियोगिता चीन में आयोजित है। मुस्कान को इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए प्रायोजक सरकारी मदद की आवश्यकता है। मुस्कान यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएससी पहले साल की छात्रा है। शहर के गोविंदपुर इलाके की रहने वाली मुस्कान यादव बीबीएस इंटर कॉलेज से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएससी की पढ़ाई कर रही है। मुस्कान के पिता मिठाई की दुकान चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। तंगहाली में यह परिवार किसी तरह जीवनयापन कर रहा।


हालांकि, जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए मुस्कान ने खेल में आगे बढ़ने की ठानी। वह साफ्ट टेनिस खेलते हुए जिले से लेकर देशस्तर तक कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया और सबको अपना लोहा मनवाया। बीते दिनों जालंधर में भारतीय साफ्ट टेनिस टीम का चयन ट्रायल हो रहा था। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में 7 से 9 सितंबर तक हुए ट्रायल में मुस्कान ने भी प्रतिभाग किया और उसका चयन भारतीय टीम में हो गया। अब टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ मुस्कान को चीन में होने वाले वल्र्ड चैंपियनशिप में भाग लेने जाना है। 16वें वल्र्ड साफ्ट टेनिस चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए मुस्कान को आर्थिक मदद की आवश्यकता है। खेल अधिक लोकप्रिय नहीं होने की वजह से टीम के पास कोई प्रायोजक नहीं है। खिलाड़ियों को सारा खर्च खुद ही या किसी मदद से वहन करना होगा।


इधर, मुस्कान के माता-पिता की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह बेटी को चीन में होने वाले खेल में हिस्सा लेने के लिए इतने पैसे दे सके। पत्रिका से बातचती करते हुए मुस्कान की आंखें भर आई। जिन आंखों में सुनहरे सपने होने चाहिए उन आंखों में आंसू लिए मुस्कान बताती है कि अभी तक का सफर मैंने अपनी मां की ज्वेलरी को बेचकर पूरा किया है। कुछ दोस्तों ने समय समय पर पैसों से मदद की है। लेकिन इस बार की रकम थोड़ी अधिक है। हौसला जवाब दे रहा है। मुस्कान बताती है कि वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति से भी मिली ताकि विवि आर्थिक मदद कर उसको भेज दे लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ने मुस्कान की मदद की गुहार लगाई
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यक्ष रिचा सिंह भी मुस्कान की मदद के लिए विवि के जिम्मेदारों से मिल रही हैं। वह मुस्कान को लेकर विवि के रामसेवक दुबे व डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर राजकुमार से मिली। उसकी मदद के लिए प्रार्थना पत्र दिलाई। रिचा बताती हैं कि विवि चाहे तो मुस्कान जैसे खिलाड़ियों की मदद कर सकता है। उधर, विवि स्पोट्र्स बोर्ड के निदेशक प्रोफेसर हर्ष कुमार ने बताया कि मुस्कान ने चीन जाने के लिए आर्थिक सहायता संबंधी पत्र दिया है। उसके पत्र को कुलपति को भेज दिया गया है।
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