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इलाहाबाद हाईकोर्ट: हत्या आरोपी को 11 साल जेल में बिताने के बाद मिली जमानत, जानिए वजह

कोर्ट ने जुर्माने की वसूली पर रोक नहीं लगाई किंतु छूटने के तीन माह में जमा करने का आदेश दिया है। सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई 23 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति ओमप्रकाश तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने नेम सिंह की सजा के खिलाफ अपील पर दाखिल जमानत अर्जी पर दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट: हत्या आरोपी को 11 साल जेल में बिताने के बाद मिली जमानत, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट: हत्या आरोपी को 11 साल जेल में बिताने के बाद मिली जमानत, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के आरोप में उम्र कैद भुगत रहे 11 साल से जेल में बंद नेम सिंह की जमानत मंजूर कर ली है और व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूति पर रिहा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची को अपील तय होने तक हर महीने के प्रथम सोमवार को थाने में रिपोर्ट करना होगा। कोर्ट ने जुर्माने की वसूली पर रोक नहीं लगाई किंतु छूटने के तीन माह में जमा करने का आदेश दिया है। सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई 23 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति ओमप्रकाश तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने नेम सिंह की सजा के खिलाफ अपील पर दाखिल जमानत अर्जी पर दिया है।

अर्जी पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की। याची के खिलाफ अलीगढ़ के छर्रा थाने में हत्या के आरोप में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। पुलिस चार्जशीट पर सत्र अदालत की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है। अपीलार्थी का कहना है कि वह निर्दोष है। फंसाया गया है। साक्ष्यों की अनदेखी की गई है। सौदान सिंह केस के फैसले के तहत 11साल जेल में बिताने के आधार पर उसे रिहा होने का अधिकार है। सरकारी वकील ने कहा कि सौदान सिंह केस का लाभ नहीं मिलेगा। उसने 14साल की कैद नहीं भुगती है।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- सरकारी अधिकारियों को अवैध आदेश पारित करने के लिए मजबूर करना खेदजनक स्थिति मामले में याची की ओर से तर्क दिया गया वर्ष 2019 में मदरसे में प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था। उसने नियुक्ति से पहले गोंडा के दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसे में सहायक अध्यापक के रूप में पांच वर्ष अध्यापन कार्य किया था। जिसके अनुभव के आधार पर उसे प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति दी गई थी।