पहले भी यहाँ से जुड़े रहे है आतंकी तार
प्रयाग से आतंक का नेटवर्क पहले भी जुड़ा है, और उसके खौफनाक अंजाम देखने को मिले हैं। बता दें कि आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश 2001 के कुंभ के दौरान हुआ था। उस समय खुफिया एजेंसियों ने प्रयागराज से पीछा करते हुए तीन आतंकियों को लखनऊ में घेरकर मार गिराया था। आतंकियों की कुंभ मेले और अयोध्या के विवादित परिसर में हमले की साजिश थी। उस आतंकवादी घटना में जिले के फूलपुर के रहने वाले वालीउल्लाह और उसके दो भाई वसी उल्लाह और उबैद उल्लाह सहयोगी उज़ैर आलम को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने फूलपुर थाने में उनके खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा लिखा था। जेल से जमानत पर रिहा होने पर उसने आतंकी हमले की साजिश रची लेकिन खुफिया एजेंसी को इसकी भनक नहीं लगी थी।
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बनारस धमाके का मास्टर माइंड
2006 मार्च में बनारस में सिलसिलेवार बम धमाकों ने पूरा यूपी दहला दिया था।जानकारी के मुताबिक बनारस के संकटमोचन मंदिर में सात और कैंट स्टेशन पर 11 लोगों की जान गई थी। 50 से ज्यादा लोग उस समय घायल हुए थे। गंगा घाट पर बम बरामद किया गया था। जिसके बाद अप्रैल माह में एसटीएफ ने प्रयागराज के फूलपुर के इलाके के रहने वाले वसीउल्लाह को लखनऊ के गोसाईगंज में एके 47 और विस्फोटक आरडीएक्स के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि। वसी अल्लाह ने हुजी के आतंकियों को पनाह दी और उनके साथ कुकर बम बनाकर काशी में घातक धमाकों को अंजाम दिया था। वसी उल्लाह और उसके आतंकी साथी उस घटना के बाद से अब तक जेल में बंद है।
मोदी की रैली में धमाके के मददगार आरोपी यहीं से गिरफ्तार
तो वहीं 2013 के लोकसभा चुनाव के दौरान पटना में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान 7 बम धमाके हुए थे। जिसका तार प्रयागराज से जुड़ा था। इसमें आधा दर्जन लोगों की मौत हुई थी 83 लोग घायल हुए थे।इन विस्फोटों के लिए आतंकियों को जिलेटिन की छड़ों और अन्य वस्तुएं मुहैया कराने वाला शख्स प्रयागराज की यमुनापार में गिरफ्तार किया गया था।
सौरभ के ठिकाने की तलाश
सौरभ की प्रयाग में गिरफ्तारी के बाद फ़ोर्स सहित आम लोगों के होश उड़े हैं। सौरभ शुक्ला की गिरफ्तारी कर्नलगंज थाना अंतर्गत कंपनी गार्डन के पास से बताई जा रही है। यह पूरा इलाका विश्वविद्यालय क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यही हिंदू हॉस्टल मुस्लिम बोर्डिंग सहित तमाम छात्रावास सुरक्षा है। एजेंसियों को इस बात की भी आशंका है कि सौरभ शुक्ला ने अपने संपर्क में और लोगों को भी यहां लिया होगा। ऐसे में सुरक्षा एजेंसी सौरभ शुक्ला के ठिकानों और उसकी जानने वालों की पहचान जुटाने में लगी हुई है।
स्थानीय अधिकारी बोलने को तैयार नही
शनिवार को सौरभ शुक्ला की गिरफ्तारी की गई लेकिन अब तक यह बात नहीं पता चल सकी है कि प्रयागराज में सौरव कहां रहता था। उसके संपर्क में कौन-कौन था। मध्य प्रदेश के सीधी से सौरभ यहां क्या करने आया था।वह कहीं पढ़ाई कर रहा था या उसका कोई रिश्तेदार रहता था। अब यह सब बिल्कुल पहेली की तरह है। उसके कब्जे से बिना नंबर की जो बाइक मिली है वह थाने पर सीज कर खड़ी की गई है। अभी तक यह भी साफ नहीं हुआ है कि बाइक किसके नाम है। कहां से खरीदी गई और किसने दिलाई थी। स्थानीय पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं।लेकिन जिस तरह से पुलिस महकमे में सतर्कता बढ़ी है इससे माना जा रहा है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां इन दिनों प्रयागराज में डेरा डाले हुए है।