
प्रतीकात्मक फोटो (पत्रिका)
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अलवर जिले की 115 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग टीबी रोग की स्क्रीनिंग व सीबीनॉट जांच कर मरीजों को समुचित उपचार के साथ उनके खाते में पोषण के लिए राशि उपलब्ध करा रहा है।
सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टीबी रोग की जांच माइक्रोस्कॉपी के स्थान पर सीबीनॉट व ट्रूनॉट के माध्यम से की जा रही है। नॉट मशीनों से जिले में टीबी रोग के उपचार एवं डायग्नोसिस की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिससे टीबी रोगियों के इलाज में सफलता दर 95 प्रतिशत और मृत्यु दर घटकर एक प्रतिशत रह गई है।
सीएमएचओ ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत 75 प्रतिशत टीबी मरीजों को पोषण का भुगतान किया गया। साथ ही पोषण किट का वितरण भी किया जा रहा है। अभियान के तहत वर्ष 2024 तक जिले में 115 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जिसमें गोविन्दगढ़ में 24, खेरली में 6, मालाखेडा में 43, रामगढ में 5, रैणी में 3 एवं थानागाजी में 25
ग्राम पंचायतों को एनटीईपी कार्यक्रम के विभिन्न मापदण्डों के आधार पर टीबी मुक्त घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि 25 जून से 11 जुलाई तक जिले में एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे किया गया था, जिसमें एएनएम व आशा ने अपने-अपने क्षेत्रों में आशा डिजिटल हैल्थ ऐप के माध्यम से घर-घर जाकर वलनरेबल जनसंया के 87 प्रतिशत की स्क्रीनिंग की।
Updated on:
25 Jul 2025 01:06 pm
Published on:
25 Jul 2025 01:05 pm
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