
राज्य सरकार की ओर से लाथार्थियों को पोस मशीन के जरिए अनाज मिलता है, लेकिन 1200 लोग ऐसे हैं जिनके फिंगरप्रिंट घिस गए। यह मशीन पर काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में खाद्य एवं रसद विभाग ने राशन के लिए बाईपास व्यवस्था शुरू की है। यह राशन डीलर को अपना राशन कार्ड दिखाएंगे और इन्हें राशन मिल जाएगा। हालांकि इससे फर्जीवाड़े की भी संभावनाएं रहेंगी। जिले में लगभग 1.80 लाख राशन कार्ड हैं।
करीब आठ लाख लोगों को सरकारी राशन मिलता है। यह राशन जिले के 1274 डीलर बांटते हैं। इसके लिए पोस मशीन है, जिस पर उंगली या अंगूठा स्कैन होता है। उसके बाद ही राशन मिलता है। पिछले महीनों में 1200 लोग ऐसे पहुंचे जिनकी उंगलियां व अंगूठे से प्रिंट गायब हो गया। रेखाएं आदि न मिलने के कारण इन परिवारों के सामने राशन का संकट खड़ा होने लगा। सूत्रों का कहना है कि विभाग ने इनके राशन कार्ड बाइपास कर दिए हैं। डीएसओ जितेंद्र नरुका से संपर्क किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया।
बाइपास व्यवस्था दो तरह से काम करती है। एक ओटीपी के जरिए और दूसरी सीधे राशन कार्ड के जरिए। राशन डीलर संबंधित व्यक्ति के पास रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी भेजेंगे और उसके जरिए राशन मिलेगा। दूसरा सीधे राशन कार्ड दिखाने के बाद राशन मिलता है।
Published on:
27 May 2024 11:56 am
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