30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Alwar News: यहां अस्पताल को जोड़ने वाले अंडरपास बनने की जगी उम्मीद, फिर खुलेगी फाइल

अलवर सामान्य व महिला अस्पताल को जोड़ने के लिए प्रस्तावित अंडरपास की बंद फाइल फिर खुलने जा रही हैं। दोनों अस्पतालों को जोड़ने का इससे अच्छा विकल्प और कोई नहीं है, इसलिए यह देखा जाएगा कि अंडरपास बनाने के लिए राशि कहां से जुटाई जाए।

2 min read
Google source verification

demo pic

अलवर सामान्य व महिला अस्पताल को जोड़ने के लिए प्रस्तावित अंडरपास की बंद फाइल फिर खुलने जा रही हैं। दोनों अस्पतालों को जोड़ने का इससे अच्छा विकल्प और कोई नहीं है, इसलिए यह देखा जाएगा कि अंडरपास बनाने के लिए राशि कहां से जुटाई जाए। स्वास्थ्य समिति की ओर से कुछ राशि ली जाएगी और कुछ अन्य मदों से। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा जा सकता है।

इसलिए जरूरी है अंडरपास

सामान्य व महिला अस्पताल में आने वाले 30 फीसदी से ज्यादा मरीज एक-दूसरे अस्पताल में हर दिन जाते हैं। इनकी संख्या करीब 450 से ऊपर है। इसमें कुछ गंभीर मरीज भी होते हैं। परिजन इन्हें अपने तरीके से एक-दूसरे अस्पतालों में ले जाते हैं। अस्पताल के बाहर जाम लगता है। रोड क्रॉस करने में भी पसीना आता है। ऐसे में एक से दूसरे अस्पताल पहुंचने में समय ज्यादा लगता है। जबकि गंभीर मरीज के जीवन पर यह देरी भारी पड़ सकती है।

ऐसे में इन मरीजों की जान बचाना व अन्य सामान्य मरीजों को आसानी से एक-दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अंडरपास जरूरी है। इसे देखते हुए पूर्व कलक्टर जितेंद्र सोनी ने पूरा खाका यूआईटी से तैयार करवाया। निर्माण की योजना चल रही थी कि उनका तबादला कर दिया गया। दूसरे कलक्टर आए, लेकिन उन्होंने अंडरपास के महत्व को समझा नहीं और उन्होंने 6 करोड़ खर्च की राशि देखकर फाइलें बंद कर दीं।

ट्रैफिक लाइट का विकल्प काम नहीं आएगा

एक सीनियर प्रशासनिक अफसर के मुताबिक, दोनों अस्पतालों को जोड़ने के लिए अंडरपास ही एक विकल्प है। यहां ट्रैफिक लाइट लगाने का प्रस्ताव पहले आया था या एंबुलेंस से मरीज दूसरे अस्पताल भेजने की बात भी सामने आई थी, लेकिन यह काम नहीं हो पाया। अंडरपास पर मंथन चल रहा है। जल्द ही इसको लेकर निर्णय होगा।

मेडिकल शॉप हो सकती हैं शिफ्ट

बताया जा रहा है कि अंडरपास की राह में कुछ मेडिकल की दुकानें आ रही हैं। इनके प्रभाव से भी अंडरपास की फाइलें बंद हुई हैं। यूआईटी से सेवानिवृत्त एक्सईएन प्रमोद शर्मा का कहना है कि जयपुर की तर्ज पर मेडिकल शॉप अंडरपास में भी शिफ्ट की जा सकती हैं। इससे संबंधित विभाग को आय भी होगी। अंडरपास बनने से मरीजों को सहूलियत होगी।

यह भी पढ़ें:
Alwar News: राजगढ़ में बिजली संकट के बीच कंट्रोल रूम में शराब पार्टी, बोतलें मिली