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प्राइवेट स्कूलों ने बजाई फीस की घंटी, सच जानकार आपके भी उड़ जाएगे होश

गैर सरकारी स्कूलों की फीस पर प्रभावी नियंत्रण नहींं

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अलवर

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Prem Pathak

Jul 10, 2018

Alwar : private school increase fees

प्राइवेट स्कूलों ने बजाई फीस की घंटी, सच जानकार आपके भी उड़ जाएगे होश

अलवर. गैर सरकारी स्कूलों में फीस नियामक आयोग की ओर से फीस की बढ़ोतरी के लिए किया गया नियंत्रण प्रभावी नहीं हो पा रहा है। गैर सरकारी स्कूलों ने फीस की बढ़ोतरी से पूर्व अभिभावक कमेटी की सहमति मात्र कागजी बन कर रह गई है। प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाने पर अपनी मनमर्जी कर रखी है। शिक्षा विभाग का गैर सरकारी स्कूलों पर नियंत्रण ही नहीं रहा है। ये स्कूल अपनी मनमर्जी से जब चाहे फीस बढ़ा रहे हैं। अलवर जिले में आरटीई में रजिस्टर्ड स्कूलों की संख्या 989 है। सभी गैर सरकारी स्कूलों को आरटीई में रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। इसके अभाव में इनकी मान्यता निरस्त कर दी जाएगी। अलवर जिले के गैर सरकारी स्कूलों में फीस की अधिकतर बढ़ोतरी को लेकर सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर चुके हैं। जिला मुख्यालय पर ही कई ऐसे गैर सरकारी स्कूल हैं जिनमें फीस बढ़ाने पर प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने आदेश भी दिए लेकिन उन आदेशों की पालना तक नहीं की गई।

जिले के नामी स्कूलों ने कागजों में बना दी कमेटियां और कुछ ने तो बनाई ही नहीं

हालात यह है कि अलवर जिले के नामी स्कूलों ने कागजों में कमेटियां बनाकर मनमर्जी से फीस बढ़ा दी है। अलवर जिला मुख्यालय पर ही कई स्कूलों की फीस 2 हजार रुपए से अधिक मासिक है। इनमें ट्रांसपोर्ट का व्यय अलग है। कई गैर सरकारी स्कूलों में फीस ही 3 हजार रुपए से भी अधिक है। यही नहीं कई स्कूलों ने तो इन कमेटियों को बनाया ही नहीं जिनमें बानसूर में 11, बहरोड़ में 24, कठूमर में 43, किशनगढ़बास में 38, कोटकासिम में 8, लक्ष्मणगढ़ में 17, मुंडावर में 20, नीमराणा में 30, रैणी में 8, राजगढ़ में 25, रामगढ़ में 28, थानागाजी में 32, तिजारा में 41, उमरेण में 60 स्कू ल हैं। इस हिसाब से अलवर जिले मे 375 स्कूलों ने यह कमेटी ही नहीं बनाई।

यह है नियम

राजस्थान विद्यालय फीस का विनियम अधिनियम 2016 नियम के तहत निजी विद्यालयों में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के प्रारम्भ में 30 दिवस के भीतर माता-पिता व अध्यापक संगम का गठन किया जाना है। इसके बाद ही जिला स्तर पर जिला स्तरीय फीस समिति का गठन किया जाएगा। विद्यालय स्तर पर बनने वाली कमेटी की फीस निर्धारित करेगी। इस कमेटी का गठन लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। यदि कोई विद्यालय ऐसा नहीं करता है तो उसकी मान्यता निरस्त कर दी जाएगी।

अलवर जिले के कई गैर सरकारी स्कूलों ने अभी तक अभिभावक कमेटी ही नहीं बनाई है। फीस के मामले में विभागीय आदेश नहीं मानने वाले गैर सरकारी स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बलदेव कृष्ण गुप्ता, जिला प्रभारी, आरटीई, अलवर

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