
Amit Saini Suicide (Patrika Photo)
Alwar Amit Saini Suicide Case: अलवर के शिवाजी पार्क इलाके में रहने वाले 22 साल के अमित सैनी ने पुलिस हिरासत से छूटने के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें कि उस पर चोरी का आरोप था।
अमित के नाबालिग साथी ने बताया, पुलिस ने थाने के लॉकअप में दोनों को बहुत मारा-पीटा और 16 चोरी के मामलों को कबूल कराने के लिए दबाव डाला। उसने कहा कि अमित को चार बार दूसरे कमरे में ले जाकर पीटा गया और उसके प्राइवेट पार्ट्स के बाल तक उखाड़ दिए गए।
नाबालिग के मुताबिक, सात जुलाई की शाम वह घर से बिस्किट लेने निकला था। तभी पुलिस उसे गाड़ी में बैठाकर ले गई। उसे एक निर्माणाधीन मकान पर ले जाकर कबाड़ चोरी के बारे में पूछा गया। तीन घंटे बाद अमित को भी लाकर लॉकअप में बंद कर दिया गया।
नाबालिग का आरोप है कि उसने पुलिस से कहा कि वह नाबालिग है, लेकिन फिर भी उसकी उम्र 19 साल लिखकर लॉकअप में रखा गया और पीटा गया। आठ जुलाई को उसकी नानी ने जमानत कराई। पुलिस ने फिर दोनों को अगले दिन थाने बुलाया। नाबालिग अपना सामान ले आया, लेकिन अमित का मोबाइल और पर्स पुलिस ने नहीं लौटाया और अगले दिन आने को कहा।
अमित परिजनों के मुताबिक, इसी मानसिक दबाव में उसने नौ जुलाई को जहर खा लिया। अमित की दादी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने FIR से दोषी पुलिसकर्मियों के नाम हटवाने का दबाव बनाया। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस ने अमित का मोबाइल, पर्स और बाइक तक नहीं लौटाई।
नाबालिग ने यह भी कहा कि पुलिस ने उसे शांतिभंग के आरोप में SDM कोर्ट में पेश किया। जबकि किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार, उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश करना चाहिए था। नाबालिग को लॉकअप में रखना और टॉर्चर करना कानून के खिलाफ है।
अलवर की एडिशनल SP (ग्रामीण) डॉ. प्रियंका ने कहा, नाबालिग को लॉकअप में रखना नियमों के खिलाफ है। मामले की जांच थाने के CCTV कैमरों से कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमित के परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने पुलिस को अमित का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट दिया है। यह नोट उसकी डायरी के पन्ने पर लिखा है। इसमें ऊपर लिखा है कि “मुझे मारने के पीछे इन लोगों का हाथ है” और नीचे कुछ लोगों के नाम लिखे हैं- दिनेश राव, आशाराम, मनदीप के पास, अनिस खान टेल्को सर्किल, नितिन टेल्को सर्किल, गुरमीत सदर थाना, मनजीत सदर थाना, फूलसिंह सदर थाना। नोट के अगले पन्ने में लिखा है- “मुझे इंसाफ दिलाना भोले के हाथ में है।”
अमित अपने दो भाइयों में सबसे बड़ा था और उसकी एक बहन भी है। उसकी शादी पिछले साल ही हुई थी। पहले वह शहर के एक निजी अस्पताल में गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन पिछले 3-4 महीने से वह बेरोजगार था। उसके पिता मिस्त्री (चिनाई का काम) करते हैं।
सदर थाना प्रभारी रमेश सैनी ने कहा था कि गश्त के दौरान शालीमार इलाके में दो युवक संदिग्ध हालत में मिले। उन्होंने अपना नाम अमित सैनी और शिवलाल राजपूत (निवासी शिवाजी पार्क) बताया। दोनों को शांतिभंग के आरोप में पकड़ा और थाने लाया गया। अमित नशे में था। पुलिस ने दोनों से कोई मारपीट नहीं की। दोनों को उसी दिन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
परिजनों ने मर्ग रिपोर्ट में बताया कि जहर खाने के बाद अमित को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया था। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई करनी की बात बोली थी। शिवाजी पार्क थाना प्रभारी विनोद सांवरिया ने कहा था कि उन्हें अमित के सुसाइड नोट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
Published on:
16 Jul 2025 01:58 pm
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