
Alwar Onion : अलवर। देश भर में पहचान बना चुकी अलवर की प्याज की आवक सोमवार से मंडियों में शुरू हो गई। पहले दिन अलवर की प्याज मंडी में साढ़े तीन हजार कट्टों की आवक हुई। अभी प्याज की गुणवत्ता कमजोर आ रही है जिसमें आगामी एक सप्ताह बाद इसकी गुणवत्ता में सुधार होगा और आवक भी बढ़ेगी।
अलवर मंडी में आढ़ती प्याज खरीद की तैयारी करने में लगे हैं। साथ ही देश के कई जगहों से प्याज के बड़े आढ़ती एक पखवाड़े बाद अलवर मंडी पहुंच जाएंगे। इस बार अलवर जिले के बुवाई वाले क्षेत्र में मानसून के अंत में अधिक बरसात आने से 10 प्रतिशत प्याज खराब हो गई, फिर भी इस साल जिले में प्याज ही फसल अच्छी होने की संभावना है।
इस साल देश के कई प्याज उत्पादक राज्यों में अधिक बरसात से प्याज की फसल खराब होने से अलवर के प्याज पर बड़े आढ़तियों की नजर है। यहां एक पखवाड़े के भीतर पश्चिमी बंगाल, आसाम, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के आढ़ती प्याज खरीदने अलवर में आ जाएंगे जो यहां 2 माह तक कैम्प करेंगे। इसके लिए उन्होंने अलवर की होटलों में कमरे बुक कराए हैं।
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इतनी हुई बुवाई
इस बार अलवर जिले में 27 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुवाई हुई है और प्याज की गुणवत्ता बेहतर होने की संभावना है।प्याज की उत्पादकता 16 टन प्रति हैक्टेयर मानी जाती है। इस हिसाब से अलवर जिले में 3 लाख 55 हजार टन प्याज उत्पादन की संभावना है। उद्यानिकी विभाग के कृषि अधिकारी शीश मोहम्मद का कहना है कि वर्ष 2019 में प्याज के भाव इतने अधिक रहे, जिससे किसान प्याज की फसल को फायदे का सौदा मानने लगे हैं। दो साल पहले थोक में प्याज के भाव 105 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए थे।
इतनी होती है प्याज की पैदावार
पूरे देश में प्याज का उत्पादन औसतन 2.3 करोड़ टन प्रति वर्ष है। राजस्थान में देश की 5 प्रतिशत प्याज का उत्पादन होता है। राजस्थान में अलवर प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों में है।
अलवर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार
प्याज के भाव अच्छे होने पर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। अलवर जिले में सोमवार को प्याज के भाव 10 से 22 रुपए प्रति किलो तक रहे, आगामी 10 दिन बाद से इनके भाव में तेजी की संभावना है। इसका कारण कई राज्यों में प्याज की फसल खराब होना है।
इस बारे में फल सब्जी मंडी आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष देवेन्द्र छाबड़ा कहते हैं कि यह सही है कि 5 से 10 प्रतिशत प्याज की फसल खराब हुई है लेकिन इसके बावजूद जिले में प्याज की पैदावार बेहतर है। इसके भाव कम होने की बजाए बढ़ने की संभावना है।
प्याज का उत्पादन
देश में उत्पादन - औसतन 2.3 करोड़ मीट्रिक टन
अलवर में प्याज का रकबा
- 2020 में 18500 हैक्टेयर
- 2021 में 26 हजार हैक्टेयर
- 2022 में 27 हजार हैक्टेयर
प्याज की उत्पादकता - 16 टन प्रति हैक्टेयर
अलवर में प्याज उत्पादन की संभावना - 3 लाख 55 हजार टन
Published on:
01 Nov 2022 03:14 pm
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