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Alwar: जहरीली शराब से मौत मामले में बड़ा अपडेट, ग्रामीण बोले-शराब में केमिकल ज्यादा था इसलिए गई 6 लोगों की जान

Alwar Liquor Death Case: अकबरपुर थाना क्षेत्र के पैंतपुर, किशनपुर और बख्तपुरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मौत के अन्य कारण गिना रहे हैं, लेकिन

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अलवर

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Anil Prajapat

May 01, 2025

Alwar Liquor Death Case

सिलीसेढ़ में मौजूद आबकारी विभाग की टीम। 

Alwar Liquor Death Case: अलवर। अकबरपुर थाना क्षेत्र के पैंतपुर, किशनपुर और बख्तपुरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मौत के अन्य कारण गिना रहे हैं, लेकिन ग्रामीण उनके इन दावों की पोल खोल रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सभी मौतें जहरीली शराब के सेवन से ही हुई है। विभाग को इस बिक्री की जानकार भी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार पैंतपुर निवासी एक व्यक्ति अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा हुआ है। जो अभी करीब 8-10 दिन पहले ही पंजाब से यहां आया था। वह अवैध शराब बनाने के लिए एक खास तरह का केमिकल लेकर आया था। इसकी छोटी शीशी से करीब 200 लीटर तक शराब बनाई जा सकती है।

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने गांव के किसी व्यक्ति को रविवार को बोला था कि उसने शराब को ज्यादा स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल किया है। इसके बाद ही मौत के मामले सामने आए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक सुरेश वाल्मीकि शरीर से काफी मजबूत था, लेकिन इसी शराब के सेवन से उसकी मौत हुई है। अन्य लोगों की मौतों का कारण भी ग्रामीण शराब को ही मान रहे हैं।

अवैध शराब का जमकर हो रहा कारोबार

इन गांवों सहित आसपास के क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। यहां सावड़ी और लिवारी गांव के अवैध शराब माफियाओं की ओर से शराब की सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी अवैध शराब का कारोबार हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पीपलगढ़ में खेतों के पास मंदिर के पीछे सहित करीब 3-4 अवैध शराब के ठिकाने हैं। इसी तरह पैंतपुर में एक मोबाइल कंपनी के टावर के पास रात होते ही अवैध शराब का कारोबार पूरे परवान पर होता है।

यहां भी करीब 3 से 4 अवैध शराब के ठिकाने संचालित हैं। इसके अलावा सीराबास व बावरिया की ढाणी सहित आसपास के क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। जहां सस्ती दरों पर लोगों को शराब बेची जा रही है। जानकारी के अनुसार अवैध शराब विक्रेता 70 से 80 रुपए की बोतल के अलावा 10 से 20 रुपए गिलास के हिसाब से भी लोगों को शराब बेच रहे हैं।

शराब ठेके की अवैध ब्रांच का भी हो रहा संचालन

यही नहीं कई जगहों पर शराब ठेकों की अवैध ब्रांच भी संचालित हो रही है। संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। पैंतपुर सहित आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि सिलीसेढ़ तिराहा स्थित शराब ठेके की पैंतपुर गांव में कमीशन के आधार पर अवैध ब्रांच संचालित है। खास बात यह भी है कि ठेकेदार अपनी मर्जी के मुताबिक किसी भी स्थान पर अवैध ब्रांच शुरू कर देते हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद आबकारी विभाग की टीम पैंतपुर गांव पहुंची तो यहां गांव के पास अवैध ब्रांच खुली हुई थी, जिसे बाद में अधिकारियों ने बंद करा दिया

चार लोगों की तबीयत खराब

फिलहाल 6 लोगों की शराब के सेवन से मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा पैंतपुर निवासी ताहिर, किशनपुर निवासी विष्णु व डोबा निवासी सेढ़िया सहित 4 लोगों कीे तबीयत खराब हो गई थी। इनमें से ताहिर स्वस्थ हो चुका है। जबकि तीन लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच रही घर-घर

घटना के बाद प्रभावित गांवों में चिकित्सक दल, नर्सिंग स्टाफ, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है। सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीड़ित परिवारों के घर जाकर सर्वे की कार्रवाई की, लेकिन मृतकों की क्लीनिकल हिस्ट्री के बारे में पता नहीं लग सका है। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से नियमित रूप से तीनों प्रभावित गांवों में सघन सर्वे अभियान चलाकर लोगों की जांच की जाएगी। इस दौरान गंभीर व लंबी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद होगा भारत की मौत का खुलासा

शराब के सेवन से मरे पांच मृतकों के परिजनों ने अपने स्तर पर ही उनका अंतिम संस्कार करा दिया, जबकि किशनपुर निवासी भारत की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए लेकर गए। बाद में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

उसके परिजनों की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बॉड़ी में दवा छिड़कने के दौरान दवा के प्रभाव से उसकी तबीयत खराब होना बताया गया था, लेकिन अस्पताल के मेडिकल ज्यूरिस्ट सिद्धार्थ विजयवर्गीय के अनुसार पोस्टमार्टम में कीटनाशक दवा के छिड़काव के दौरान मौत की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए मृतक का विसरा एफएसएल लैब भिजवाया गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद भी मौत के असली कारण सामने आ सकेंगे।

टॉपिक एक्सपर्ट

अवैध शराब निर्माता कम दाम में अधिक मुनाफा कमाने के लिए शराब बनाने के लिए मिथाइल एल्कोहॉल का इस्तेमाल करते हैं। इसकी अधिक मात्रा होने पर सबसे पहले लिवर को नुकसान पहुंचता है। इसके बाद पूरो शरीर पर इसका असर पड़ता है। जहरीली शराब पीने के बाद इसका असर सामान्य तौर पर 6 से 12 घंटे में दिखाई देने लगते हैं। इसमें पेट दर्द, उल्टियां होना और आंखों से धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण सामने आते हैं। वहीं, समय पर इलाज नहीं मिलने पर 12 से 24 घंटे में मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसकी मौत हो सकती है।
-डॉ. सिद्धार्थ वियवर्गीय, असिस्टेंट प्रोफेसर, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग, सामान्य अस्पताल।

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इनका कहना है

जहरीली शराब का कारोबार पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे फैल रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन आंखें मूंदे बैठे हैं। पुलिस-प्रशासन तो इन मौतों को स्वीकार करने की बजाय दूसरे कारण गिना रहा है। यहां तक की मृतकों के परिजनों पर दबाव डालकर उनसे ऐसे बयान दिलवाए जा रहे हैं जिससे जहरीली शराब होने की बात ही झुठलाई जा सके।
-टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष।

अधिकारी व कर्मचारी केवल शराब ठेकेदारों से पैसे उगाई करते हैं। क्या इनका काम कच्ची शराब निकालने वाले तथा इसे बेचने वाले ठेकेदारों को पकड़ने का नहीं है ? मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
-योगेश मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष