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मुख्यमंत्री ने जिस पार्किंग का शिलान्यास किया, वहां आज भी बिक रहे छोले-भटूरे

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अलवर

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Prem Pathak

Aug 09, 2018

Chole Bhature Selling at tanga stand Alwar founded by vasundhara raje

मुख्यमंत्री ने जिस पार्किंग का शिलान्यास किया, वहां आज भी बिक रहे छोले-भटूरे

अलवर. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब डेढ़ साल पहले 17 जनवरी 2017 को शहर में तांगा स्टैण्ड की जमीन पर मल्टी स्टोरी पार्र्किंग बनाने का डिजीटल शिलान्यास तो कर दिया लेकिन यूआईटी इस जगह अब तक एक ईंट भी नहीं लगा सकी है। हालत यह है कि वर्तमान में तांगा स्टैण्ड की जमीन पर छोले भटूरे खाए और खिलाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में 17 जनवरी को करीब एक दर्जन से अधिक विकास के कार्यों के डिजीटल शिलान्यास किए थे। उनमें से अलवर शहर में तांगा स्टैण्ड पर मल्टी स्टोरी पार्र्किंग बनाने का शिलान्यास भी किया गया। जब मुख्यमंत्री के शिलान्यास होने के बावजूद कोई कार्य शुरू नहीं हो सका है तो मंत्री व विधायकों की घोषणा व अन्य कार्यों के हालातों का अनुमान लगाया जा सकता है।

पूरा बाजार और जनता परेशान

अलवर शहर में पूरा बाजार और जनता पार्र्किंग नहीं होने के कारण परेशान है। हर दिन दुकानों के आगे खड़े वाहनों से जाम लगता है। पूरा होपसर्कस व घंटाघर भी वाहनों से घिरा रहता है। बजाजा बाजार व नगर परिषद के सामने वाले बाजार में रोजाना दिन में कई बार जाम लगते हैं। जिससे जनता को परेशान होना पड़ता है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।

विवादित जमीन तो पहले शिलान्यास क्यों कराया

अब यूआईटी के अधिकारी कह रहे हैं कि उस समय जल्दबाजी में शिलान्यास करा दिया गया। जमीन पर न्यायालय में विवाद चल रहा है। बीच में यह विवाद नहीं था। अब कोर्ट पुन: प्रकरण की सुनवाई चल रही है। यहीं पर पहले एक पेट्रोल पम्प भी चलता था। जिसे बाद में हटा दिया गया। उसके बाद इस जमीन को बेचकर मल्टी स्टोरी पार्र्किंग बनाने की तैयारी सालों से चलती आ रही है। पिछले साल इसका मुख्यमंत्री से शिलान्यास हुआ तो लोगों को लगा कि अब यह पार्र्किंग बन जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी जनता को निराशा ही हाथ लगी है।

अमल में लाने के प्रयास जारी

पहले यूआईटी की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं थी। बीच में एक पेट्रोल पम्प से जुड़ी जमीन है। अब उसका मामला कोई न्यायालय में विचाराधीन है। आगे जल्दी इसको अमल में लाने के प्रयास हो रहे हैं।
कान्हाराम, सचिव, यूआईटी, अलवर।