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नहीं थम रहा अलवर सब्जी मंडी में गतिरोध, अब समिति ने जांच पूरी कर इन्हें सौंपी रिपोर्ट

अलवर की कृषि उपज मंडी में आड़तियों व मंडी प्रशासन में गतिरोध थम नहीं रहा है।

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अलवर

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Prem Pathak

Mar 04, 2018

cold storage dispute in alwar mandi continue

अलवर थोक सब्जी मंडी में कोल्ड स्टोरेज को लेकर चला विवाद व गतिरोध अभी थमा नहीं है। जिला प्रशासन के निर्देश पर कृषि उपज मंडी समिति के सचिव ने यहां चल रहे कोल्ड स्टोरेज की उच्च स्तरीय जांच पूरी कर कृषि विपणन निदेशालय को भेजी है और इसकी प्रति जिला प्रशासन को सौंप दी है।

सब्जी मंडी में आढ़तियों के एक अलग गुट युवा आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष जितेन्द्र सैनी के नेतृत्व में काफी संख्या में युवा आढ़तियों ने पिछले दिनों जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया था। जिला कलक्टर के निर्देश पर कृषि उपज मंडी अलवर के कार्यवाहक सचिव सुरेश सैनी ने यहां चल रहे कोल्ड स्टोरेज के मामले की जांच की। सैनी ने अपनी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है और मंडी प्रशासक अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम को भी सौंप दी है। इस मामले में युवा आढ़तियों ने गुरुवार को मंडी परिसर में धरना भी दिया था। धरने पर जितेन्द्र सैनी, भगवान सैनी, बिरजू मीणा, सचिन सैनी, बबलू प्रजापत, अशोक मीणा, भरत लाल, दायमा गुर्जर, कालू गुर्जर, पांचा राम, हरी सैनी आदि थे।

इस मामले में कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सुरेश सैनी का कहना है कि इन कोल्ड स्टोरेज को लगाने की अनुमति सहित सभी पहलुओं की तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को भेज दी है, अब इस मामले में सरकार निर्णय लेगी। थोक सब्जी मंडी में कोल्ड स्टोरेज चलने के मामले में व्यापारियों व सब्जी विक्रेताओं के दो गुट हो गए हैं। एक गुट कोल्ड स्टोरेज हटाने की मांग कर रहा है जबकि कोल्ड स्टोरेज वाले व्यापारी इसे वैद्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की इकाइयां तो जयपुर सहित कई मंडियों में चल रही हैं। इस विवाद के चलते यहां नई दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया भी थम गई है।

बिजली की यूनिट कम करने की मांग

युवा आढ़तियों ने प्रशासन को दिए ज्ञापन में कहा है कि अलवर मंडी में सभी आढ़ती 11 रुपए प्रति यूनिट से बिजली का बिल भर रहे हैं, जिसे 9 रुपए प्रति यूनिट किया जाए। इस संघ की ओर से कहा गया है कि यहां 2013 से ही रायपनिंग यानि कोल्ड स्टोरेेज चल रहे हैं। इस मामले में मंडी समिति ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की थी। यह दुकान आवंटन की शर्तों का उल्लंघन है जिस पर मंंडी समिति को कार्रवाई करनी चाहिए। इनके कारण दो रुपए प्रति यूनिट अधिक बिल आ रहा है जो उन्हें वापस दिलाया जाए।