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बकरियां चराने वाले परिवार की धोली बाई ने 97.20% अंक प्राप्त कर रचा कीर्तिमान

RBSE Success Story अलवर जिले में सकट क्षेत्र के बीघोता गांव की रहने वाली छात्रा धोली बाई मीना ने बारहवीं कक्षा (कला वर्ग) में 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर न केवल अपने विद्यालय, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

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छात्रा धोली बाई मीना

RBSE Success Story अलवर जिले में सकट क्षेत्र के बीघोता गांव की रहने वाली छात्रा धोली बाई मीना ने बारहवीं कक्षा (कला वर्ग) में 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर न केवल अपने विद्यालय, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बीघोता की इस होनहार छात्रा की सफलता की कहानी प्रेरणास्पद है।

धोली बाई के पिता रामखिलारी मीना दिव्यांग हैं और मां लाली देवी बकरियां चराकर परिवार का पालन-पोषण करती हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद धोली बाई ने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। पहाड़ी क्षेत्र के बीचला गुवाड़ा की निवासी इस छात्रा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी लगन और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।

धोली बाई पांच भाई-बहनों में से एक हैं और प्रारंभ से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। दसवीं कक्षा में भी उन्होंने 87.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उनकी इस उपलब्धि पर राज्य सरकार ने उन्हें टैबलेट और हाल ही में स्कूटी भी प्रदान की है।

धोली बाई का कहना है कि वह प्रतिदिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थीं और भविष्य में एक प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हैं। उनके इस सपने को साकार करने के लिए वह निरंतर मेहनत कर रही हैं।

विद्यालय के उप प्रधानाचार्य राधेश्याम मीना ने जानकारी दी कि विद्यालय का बारहवीं कला वर्ग का परीक्षा परिणाम इस वर्ष शत-प्रतिशत रहा है, जिसमें धोली बाई मीना की उपलब्धि सबसे खास रही।

धोली बाई की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह सिद्ध करता है कि समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी बाधा असंभव नहीं होती।

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