
Rajasthan Roadways News राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने दफ्तरों में बैठे चालक-परिचालकों को फील्ड में उतरने के निर्देश दिए हैं। रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने साफ किया है कि जो चालक-परिचालक कार्यालय में काम कर रहे हैं, उन्हें हर महीने कम से कम 3 हजार किमी बसों में चलना होगा। हालांकि मेडिकल अनफिट कर्मचारी इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे।
अलवर और मत्स्य नगर डिपो में 50 से ज्यादा कंडक्टर और ड्राइवर दफ्तरों में काम कर रहे हैं। इनमें कई मेडिकल अनफिट भी हैं, लेकिन जो फिट है, उन्हें इस आदेश से झटका लगा है। क्योंकि कई चालक-परिचालक बरसों से दफ्तरों का ही काम संभाल रहे हैं। ऐसे में कार्यालयों का काम भी प्रभावित हो सकता है।
सख्ती का दिखा असर
रोडवेज एमडी की सख्ती का असर साफ नजर आ रहा है। न केवल रोडवेज मुनाफे में आ गया है बल्कि कर्मचारियों को भी अब समय पर वेतन मिल रहा है। बसों की उड़न दस्तों द्वारा लगातार चेकिंग होने से बेटिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संया में भी कमी आई है। यही नहीं यात्रियों से टिकट दर का 10 गुणा जुर्माना वसूलने के बाद से तो खुद यात्री टिकट लेने लगे हैं।
टिकट विंडो पर कौन बैठेगा?
रोडवेज प्रशासन ने कई चालक-परिचालकों को टिकट विंडो पर लगा रखा है। इन्हें फील्ड में भेजने पर अन्य को यहां ड्यूटी देनी होगी। इसी तरह कई कर्मचारी फाइल एक्सपर्ट हो चुके हैं। वे बाबू का काम कर रहे हैं। इन्हें हटाने में डिपो के मुय प्रबंधकों को भी खासी माथापच्ची करनी पड़ेगी।
सभी मुख्य प्रबंधकों को कार्यालयों में काम कर रहे चालक-परिचालकों को फील्ड में उतारने के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही इनकी बसों में ड्यूटी लगाई जाएगी। - कुलदीप शर्मा, मुख्य प्रबंधक, मत्स्य नगर डिपो
Published on:
27 Sept 2025 12:00 pm
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