
विधानसभा चुनाव 2023 के बाद राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन रही है। इससे लम्बे समय से चली रही मांग पूरी होने की उम्मीदें बढ़ गयी हैं। ईआरसीपी और रैपिड रेल इनमें बड़ी मांग रही है। पानी, पर्यटन, रोजगार, उद्योग, रैपिड रेल जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट अब डबल इंजन की सरकार में पूरे होने की लोगों को उम्मीद है।
साथ ही अलवर को संभाग का दर्जा मिलने का भी इंतजार है। पिछले पांच सालों में अलवर के बड़े प्रोजेक्ट प्रदेश की राजनीति के केंद्र बिंदु में तो रहे, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार के वैचारिक अवरोध में अटके रहे। इसका नुकसान अलवर जिला ही नहीं प्रदेश के कई अन्य जिलों को भी उठाना पड़ा। अलवर जिला लंबे समय से अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। इनमें सबसे बड़ी समस्या पानी की है।
इस समस्या का स्थाई हल इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट इआरसीपी है। वहीं रेपिड रेल का प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार व दिल्ली सरकार के बीच झूल रहा है। साथ ही अलवर को पर्यटन हब बनाने में केन्द्र व राज्य सरकार की भागीदारी जरूरी है। जिले के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही खनन एवं जिले के भू-गर्भ में मौजूद कीमती खनिज के दोहन की जरूरत है।
जिले की समस्याओं के निराकरण में चुने गए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। सत्ताधारी व विपक्ष के जनप्रतिनिधि समन्वय की राजनीतिक कर अलवर जिले की समस्याओं को राज्य व केन्द्र के समक्ष रखें तो इन समस्याओं को आसान निराकरण संभव है।
Published on:
14 Dec 2023 11:43 am
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