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तर्पण व श्राद्ध के साथ पितरों को किया विदा

सामूहिक रूप से तर्पण करने का विधान किया

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पिनान. क्षेत्र में श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन शनिवार को पितृ अमावस्या के रूप में मनाया गया। इस दिन पूर्वजों के लिए श्राद्ध तर्पण कर पितरों को विदा किया गया। पिनान कस्बे में खटीक समाज की ओर से सर्व पितृ अमावस्या पर पूर्वजों का सामूहिक रूप से श्राद्ध तर्पण कर पारम्परिक परम्परा निभाई गई। जगदीश बसवाल व पप्पू खटीक ने बताया कि जिन पूर्वजों की तिथि अनजाने में रह जाती हैं उन पितरों की आत्मा शान्ति के लिए अमावस्या पर सामूहिक रूप से तर्पण करने का विधान किया गया। सभी ने हाथों में डाब लेकर तिल, दूध, जौ, फूल इत्यादि के साथ तांबे के पात्र से सूर्य के समक्ष जल अर्पण कर तर्पण की रस्मे निभाई। घरों में अनेक प्रकार के व्यंजन बनाकर पितरों के निमित्त दान-पुण्य किया गया। इस अवसर पर रामजीलाल, भागचंद, महेश, पप्पू आदि मौजूद रहे।
मालाखेड़ा. पितरों को समर्पित पितृपक्ष के अंतिम दिन शनिवार को सनातन धर्मियों ने घाटों-कुंडों पर श्रद्धा से श्राद्ध कर पितरों को विदा किया। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों से लोग अजमेर स्थित पुष्कर धार्मिक स्थल पहुंचे। जहां स्नान कर विधि विधान से पितरों का तर्पण व पिण्डदान किया। श्राद्ध के विधान के तहत परिवार के भूले-बिसरे सभी पुरखों का स्मरण किया और जो 14 दिनों तक तर्पण व पिण्डदान नहीं कर पाए थ। एक अनुष्ठान से संपूर्ण फल प्राप्त किया। घाटों-कुंडों पर पिण्डदान व तर्पण करने वालों की अधिक भीड़ रही।