
अलवर में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-1 धीरज शर्मा ने गोतस्करी और गोवंश की हत्या के एक अभियुक्त को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 23 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अपराध की गभीरता, समाज पर प्रभाव तथा मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त को सजा में किसी प्रकार का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं है।
अपर लोक अभियोजक नवनीत तिवाड़ी ने बताया कि रामगढ़ थाने में 20 अगस्त, 2016 को एक प्रकरण दर्ज हुआ था। इस संबंध में थाने के हैड कांस्टेबल रूपनारायण ने तहरीर पेश की थी, जिसमें बताया गया था कि रात्रि गश्त के दौरान पुलिस टीम निवाली गेट पर पहुंची तो सूचना मिली कि एक पिकअप में गोवंश भरी हुई हैं। यह पिकअप खिलोरा होती हुई हरियाणा जाएगी। इस पर पुलिस टीम ने खिलोरा पहुंचकर सड़क पर अवरोधक लगाकर नाकाबंदी की।
इस बीच रात ढाई बजे एक पिकअप मुकन्दबास की तरफ से तेज गति से आती हुई दिखाई दी, जिसे रोकने का प्रयास किया तो चालक नाकाबंदी तोड़कर पिकअप को यादव नगर की तरफ भगाकर ले जाने लगा, लेकिन गाड़ी के टायर पंक्चर होने पर चालक व एक गोतस्कर पिकअप को छोड़कर अंधेरे में बाजरे के खेतों में होकर भाग गए।
इस पिकअप में 5 गाय और एक सांड ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे, जिसमें एक सांड मृत था। मामले में जांच के बाद पुलिस गोवंश की तस्करी के आरोपी असलम पुत्र अब्दुल करीम निवासी मिर्जापुर, किशनगढ़बास के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। इस दौरान आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने उसे सजा सुनाई है।
Published on:
18 Oct 2025 12:00 pm
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