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226 मोबाइल व अन्य सामान चोरी के चार आरोपी और गिरफ्तार

अब तक 7 आरोपी गिरफ्तार, 108 मोबाइल बरामद

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लक्ष्मणगढ़़. स्थानीय थाना पुलिस ने माल सप्लाई के दौरान ट्रक से रास्ते में कीमती मोबाइल व अन्य सामान चोरी करने वाली अंतरराष्ट्रीय गैंग के चार सदस्यों को और गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और इनके कब्जे से 108 मोबाइल बरामद कर चुकी है।

एसएचओ नेकीराम ने बताया कि 7 अक्टूबर को लखनपाल सिंह निवासी भोराकला थाना बिलासपुर गुरुग्राम हरियाणा ने रिपोर्ट में बताया था कि उसकी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के वाहन के फर्जी दस्तावेज पेश कर निवण्ठी महाराष्ट्र में वेयर हाउस से माल भरकर लाया गया और रास्ते में वाहन से विभिन्न कंपनियों के 221 मोबाइल चोरी कर लिए। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी अफजल (20) पुत्र अकबर मेव तथा असलम (28) पुत्र नसरु निवासियान गोठठीगुरु तथा सुधीर यादव (25) पुत्र अशोक यादव निवासी असलीमपुर की ढाणी पुलिस थाना तिजारा को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 27 मोबाइल बरामद किए थे। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाते हुए आरोपी तुषार यादव (27) पुत्र विरेन्द्र सिंह यादव निवासी अकेडा थाना धारुहेड़़ा जिला रेवाडी हरियाणा, विक्रमसिंह (20) पुत्र सुधीर कुमार यादव निवासी बल्लापुर थाना अजीतमल जिला ओरईया उत्तरप्रदेश, जयपाल यादव (23) पुत्र तेजपाल यादव निवासी असलीमपुर थाना तिजारा जिला खैरथल तिजारा तथा मनीष सोनी (23) पुत्र उदयवीर सोनी निवासी प्रताप विहार कॉलानी गोतम बुद्धनगर दादरी पुलिस थाना दादरी जिला गोतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर चोरी किए मोबाइल बरामद किए। पुलिस ने बताया कि सात गिरफ्तार आरोपियों से कुल 108 मोबाइल व घटना में प्रयुक्त कार बरामद कर चुके। पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है।वारदात ऐसे करते थे आरोपी-

पुलिस ने बताया कि आरोपी ट्रक ड्राईवरी कर ट्रांसपोर्ट कम्पनी के जरिए माल लाने ले जाने का काम करते थे। कम्पनी में लोकेश को इस बात पता रहता था कि कौनसी ट्रान्सपोर्ट कम्पनी की गाड़ी माल लेकर जाएगी। जब एक गोदाम से दूसरे गोदाम या कही से कीमती सामान आता तो आरोपियों को लोकेश के माध्यम से सूचना मिल जाती थी और आरोपी उस ट्रान्सपोर्ट कम्पनी में नौकरी के लिए जाते। आरोपी किसी अन्य व्यक्ति के दस्तावेजों के साथ ड्राइवरी का काम करते और गाड़ी का रास्ते में लोक तोडकर मोबाइल व अन्य सामान चुरा सस्ते दामों में बेच देते थे।