
विरासत की घोर उपेक्षा : ताले में बंद तीन करोड़ रुपए की लागत से बना अलीबख्श पैनोरमा, बिना देखे मायूस लौट रहे पर्यटक
मुंडावर ञ्च पत्रिका. क्षेत्रवासियों के लिए इतिहास धरोहर, संस्कृति को संजोने के लिए उपखंड मुख्यालय पर सरकार की ओर से करीब तीन करोड़ रुपए खर्च कर अलीबख्श पेनोरमा का निर्माण करवाया गया। इसका निर्माण कार्य पूरा होने व लोकार्पण के बाद कुछ समय खुला रहा, उसके बाद कोरोना के चलते करीब दो साल बन्द पड़ा रहा।
उसके बाद तत्कालीन एसडीएम रामङ्क्षसह राजावत ने दर्शकों व पर्यटकों के लिए इसे खुलवाया गया। गत छह माह से यह ताले में बंद है, इसे आम जनता के लिए शुरू नहीं किया है। इसके चलते हमारी विरासत ताले में बंद रखी हुई है। ऐसे में इतिहास प्रेमियों, पर्यटकों और छात्रों को इतिहास, सांस्कृतिक और पुरामहत्व स्टेच्यू, प्रतिमा, अस्त्र-शस्त्र आदि के अवलोकन का मौका नहीं मिल पा रहा है। कस्बे में मुंडावर-खैरथल सड़क मार्ग पर स्थित अलीबख्श पेनोरमा के आकर्षक भवन को देख लोग यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन ताला लगा देख निराश लौट रहे हैं। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से प्रयास हों तो उपखण्ड में पयर्टन को बढ़ावा मिल सकेगा।
अलीबख्श का इतिहास व विकास यात्रा
कस्बे में हरसौली रोड़ पर राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण की ओर से निर्मित अलीबख्श पेनोरमा भवन में श्री कृष्ण भक्त महान कवि व गायक अलीबख्श की सांस्कृतिक, प्राकृतिक विविधता से लेकर इतिहास और विकास यात्रा सभी को एक ही जगह पर प्रदर्शित किया गया है। पेनोरमा में प्रवेश करते ही अलिब$ख्स की ख्याल गायकी, साँग-तमाशा सहित श्री कृष्ण भगवान की लीला आदि जीवंत देते हैं। लोगों को श्री कृष्ण भक्त अलीबख्श से संबधित ऐतिहासिक धरोहर व जानकारी मौजूद है। अलीबख्श लोक कला मंडल मुंडावर की ओर से कुछ दिन पहले भी पैनोरमा खुलवाने को लेकर एसडीएम पंकज बडग़ुजर को ज्ञापन सौंपा गया था।
Published on:
19 Jul 2022 12:39 am
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