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Gulab ki Kheti: गुलाब की खेती से कमाएं लाखों रुपए, ऐसे करें खेती, पाएं फूलों की बंपर पैदावार

Farmers News : फूलों की खेती में गुलाब का एक विशेष स्थान है। इसकी सुंदरता और सुगंध के कारण यह न केवल बागवानी के शौकीनों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी किसानों के लिए यह लाखों कमाने का एक शानदार जरिया है।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

अलवर। फूलों की खेती में गुलाब का एक विशेष स्थान है। इसकी सुंदरता और सुगंध के कारण यह न केवल बागवानी के शौकीनों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी किसानों के लिए यह लाखों कमाने का एक शानदार जरिया है। यहां पढ़ें कैसे करें गुलाब की उन्नत खेती…।

फूलों की गुणवत्ता लिए पोषक तत्त्व छिड़कें

पौधे लगाने का समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। रोपण के समय जड़ से घास-फूस हटाकर पौधे को सही गहराई में लगाएं। रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करें। गर्मी में 5 से 7 दिनों में, सर्दी में 10 से 12 दिनों के अंतराल में सिंचाई करें। ड्रिप सिंचाई आदर्श मानी जाती है। सिंचाई सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे के बीच करें। कटाई-छंटाई के बाद प्रति पौधा 10 किलो गोबर की खाद मिट्टी में मिलाकर सिंचाई करें। खाद देने के बाद, जब नई कोपलें फूटने लगे तो, यूरिया, सुपर फॉस्फेट व पोटाश का संतुलित मिश्रण प्रति पौधा जरूरत के अनुसार दें। फूल-गुणवत्ता के लिए मैग्नीशियम सल्फेट, फेरस सल्फेट आदि छिड़कें।

कांट-छांट और देखभाल

उत्तरी भारत में अक्टूबर-नवंबर कटाई-छंटाई के लिए सही माना जाता है। पौधे की तीन से पांच मुख्य टहनियों को 30 से 40 सेमी रखकर काटा जाता है। कटे हुए भाग पर फफूंदनाशी (कवकनाशी) दवा का लेप लगाएं, ताकि कीट और फफूंद का हमला न हो। कीट नियंत्रण के लिए डाई मिथोएट या मोनोक्रोटोफॉस का घोल बनाकर छिड़काव करें।

खेत की तैयारी और जलवायु

गुलाब की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन जैविक तत्त्वों से भरपूर, बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। 5.5 से 6.5 की हल्की अम्लीय मिट्टी भी अनुकूल होती है। चिकनी मिट्टी जहां पानी का जमाव होता है, गुलाब के लिए उपयुक्त नहीं है।

खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। रोपाई से लगभग 4 से 6 सप्ताह पहले खेत की गहरी जुताई करें। मिट्टी को भुरभुरा बनाने के बाद, प्रति एकड़ 2 टन गोबर की खाद और सुपर फॉस्फेट मिलाकर बैड तैयार करें। गुलाब के लिए ठंडा-शुष्क मौसम आदर्श होता है। पौधों की अच्छी वृद्धि और फूलों के लिए 15 से 25 डिग्री के बीच का तापमान उपयुक्त है। गुलाब के पौधों को 6 से 8 घंटे की सीधी धूप मिलना आवश्यक है।

इनका कहना है

जिले में उमरैण, लिवारी, गुजूकी, पूंठी सहित अन्य क्षेत्रों में किसान गुलाब की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। यहां का गुलाब जिले से बाहर महानगरों में भी भेजा जाता है। गुलाब की खेती बहुत लाभकारी है। इससे कृषक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। किसानों को 40 फीसदी अनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है। एक किसान अधिकतम दो हेक्टेयर तक अनुदान प्राप्त कर सकता है। गुलाब की खेती में यूनिट लागत 50 हजार प्रति हेक्टेयर है, जिस पर 20 हजार प्रति हेक्टेयर अनुदान देय है।

के.एल.मीणा, उप निदेशक. उद्यान विभाग, अलवर