नन्नूमल पहाडि़या को अंडर ट्रायल बंदी नंबर 1024 अशोक सांखला को 1025 नंबर आवंटित किया गया है। जेल प्रशासन ने नन्नूमल पहाडि़या और अशोक सांखला को जेल के पुराना हॉस्पिटल वार्ड के बैरक में रखा है। एसीबी ने शनिवार को पूर्व जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या और सेटलमेंट अधिकारी आरएएस अशोक सांखला को गिरफ्तार किया था।
लग्जरी लाइफ जीने वाले, महंगी शराब पीने वाले रिश्वतखोर नन्नूमल पहाडि़या और अशोक सांखला को रविवार देर शाम अलवर जेल में दाखिल करा दिया था। जेल अधीक्षक संजय यादव के अनुसार रविवार रात दोनों बंदियों को खाने में दाल-राेटी दी गई। बैरक में फर्श पर सोए और बैचेन दिखे। सुबह अन्य कैदियों के साथ ही तय समय पर उठे और सात बजे चाय-नाश्ता दिया गया। साढ़े 9 बजे दिन का खाना दिया गया।
रिश्वत मामले में गिरफ्तार आइएएस नन्नूमल पहाडि़या और आरएएस अशोक सांखला को अलवर सेंट्रल जेल के जिस बैरक में रखा गया है वहां उनके साथ एक अन्य बंदी भी बंद है। यह बंदी चोरी के मामले में अलवर जेल में बंद है। ऐसे में जेल में चर्चा है कि बैरक में चोर के साथ रिश्वतखोर बंद है।
रिश्वत के मामले में धरे गए पूर्व जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या और सेटलमेंट अधिकारी अशोक सांखला को जेल में अन्य बंदियों से अलग पुराने हॉस्पिटल वार्ड की बैरक में रखा गया है। दोनों आरोपियों को अलग वार्ड में रखने पर सवाल भी उठने लगे हैं, चर्चा है कि अलग रखने पर दोनों आरोपियों को वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। अगर दोनों आरोपियों को अन्य बंदियों के साथ रखा जाता तो वीआइपी ट्रीटमेंट देना संभव नहीं हो पाता।
दोनों आरोपियों के अलग बैरक में रखने पर जेल प्रशासन का तर्क है कि नन्नूमल पहाडि़या ने जिला कलक्टर रहते हुए कई बंदियों की पैरोल अर्जी खारिज कर दी थी, उनकी गिरफ्तारी के बाद से जेल के बंदियों में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं थी, जिसके मद्देनजर पहाडि़या को अलवर सेंट्रल जेल के पुराना हॉस्पिटल वार्ड में रखा गया है। उनके साथ ही आरएएस सांखला को भी उसी वार्ड में रखा गया है, ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि पहाडि़या और अशोक सांखला को अलग वार्ड में वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।