
उमेश शर्मा.अलवर.
शहर में बारिश का सीजन अच्छा रहने वाला है। अब तक अलवर शहर में करीब 358 मिमी यानि 14 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। मगर नगर निगम और यूआईटी की लापरवाही की वजह से आसमान से बरसा यह अमृत व्यर्थ बह गया है। अकेले अलवर शहर में अगर सीजन में होने वाली बरसात के पानी को बचाया जाता तो दो महीने के पानी का इंतजाम हो सकता था। दोनों विभाग मिलकर अगर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए सख्ती दिखाते तो यह पानी जमीन में जाता और भूतल में जा चुके पानी का स्तर बढ़ता। मगर दोनों विभाग सोए रहे और पानी व्यर्थ बह गया।
2011 के सर्वे के अनुसार अलवर में मकानों की संख्या करीब एक लाख है। नया सर्वे चल रहा है और उम्मीद है कि अलवर में मकानों की संख्या सवा लाख के आसपास होगी। इनमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के दायरे में आने वाली संपत्तियां की संख्या 30 हजार है। एक हजार वर्गमीटर छत से बारिश के सीजन में एक लाख लीटर पानी बचाया जा सकता है। इस हिसाब से करीब 3 अरब लीटर पानी बचाया जा सकता था जो अलवर की रोजाना की डिमांड के अनुसार करीब एक महीने का पानी है।
यह आंकड़ा महज निजी मकानों का है। अगर शहर की सरकारी इमारतों और फ्लैट्स को गिना जाए तो पानी की बचत डेढ़ गुणा तक ज्यादा हो सकती है। मगर सरकारी इमारतों में बने हार्वेस्टिंग सिस्टम खराब हो चुके हैं। यही वजह है कि बरसात का पानी जमीन में जाने के बजाय नालों में जा रहा है। इसका सटीक उदाहरण जिला अस्पताल में बना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। नियमित सफाई नहीं होने से यहां छतों से पानी नालियों में जा रहा है।
राज्य सरकार ने 225 वर्गमीटर व इससे बड़े भूखंडों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनिवार्यता कर रखी है। लेकिन इस नियमन की कोई पालना नहीं करता है। नगरीय निकायों को यह सिस्टम बनवाने हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। पूर्ववर्ती सरकार के समय जलदाय विभाग और भूजल विभाग ने मांग की थी कि राज्य में 150 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य किया जाए।
-अलवर शहर में करीब सवा लाख संपत्तियां
-30 हजार संपत्तियां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के दायरे में
-1 हजार वर्गफीट की छत से बचाया जा सकता है एक लाख लीटर पानी
-अलवर शहर में 3 अरब लीटर बारिश का पानी बचाया जा सकता है
-रोजाना 10 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता
एक्सपर्ट व्यू
भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। ऐसे में बारिश के जल के बचाकर ही पानी की मांग को पूरा किया जा सकता है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इसका स्थाई इलाज है। इसके अलावा जिन सड़कों पर पानी भराव होता है, वहां स्टॉर्म वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाकर पानी बचाया जा सकता है। इसके लिए निकायों को सख्ती करनी होगी।
एच.एस. संचेती, सेवानिवृत चीफ टाउन प्लानर, राजस्थान
Published on:
27 Jul 2024 11:25 am
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