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Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में रहा अलवर का दबदबा, 90 के दशक में मिले ये छह मंत्री पद

Rajasthan News: राज्य में कांग्रेस की सरकार हो या फिर भाजपा की। दोनों ही सरकारों में अलवर को तरजीह दी जाती रही है। 90 के दशक में राजस्थान सरकार में अलवर को एक या दो नहीं बल्कि छह मंत्री पद मिले।

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अलवर

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Kirti Verma

Nov 01, 2023

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Rajasthan News: राज्य में कांग्रेस की सरकार हो या फिर भाजपा की। दोनों ही सरकारों में अलवर को तरजीह दी जाती रही है। 90 के दशक में राजस्थान सरकार में अलवर को एक या दो नहीं बल्कि छह मंत्री पद मिले। पिछले एक दशक से भी अलवर को दो-दो कैबिनेट मंत्रियों का ताज मिलता रहा है।

राजस्थान में 90 के दशक में भैरोसिंह शेखावत की सरकार रही। अलवर की राजनीति के लिए ये स्वर्णिम काल रहा। भैरोसिंह सरकार में अलवर जिले से जगमाल यादव, जगत सिंह दायमा, डॉ. रोहिताश शर्मा, सुजानसिंह, मंगलराम कोली और नसरू खां मंत्री रहे थे। हालांकि बाद जगमाल यादव और जगत सिंह दायमा को बीच में ही मंत्री पद से हटा दिया था।


दो सरकारों में रहा मंत्रियों का सूखा
हालांकि दो सरकारों में अलवर को मंत्री पद नहीं मिल पाया, लेकिन इस दौरान भी संसदीय सचिव व प्रदेश स्तरीय बीसूका समिति में अलवर के विधायकों को मंत्री पद के तुल्य पद से नवाजा गया। राज्य में सन 2003 से 2008 तक भाजपा की सरकार रही, लेकिन अलवर से कोई मंत्री नहीं बन सका। बाद में मुंडावर विधायक धर्मपाल चौधरी को राज्य मंत्री का दर्जा देते हुए संसदीय सचिव बनाया गया। सन 2008 से 2013 तक कांग्रेस की सरकार रही थी, लेकिन अलवर को एक भी मंत्री पद नहीं मिला। बाद में डॉ. करणसिंह यादव को प्रदेश स्तरीय बीसूका समिति में उपाध्यक्ष बना दिया गया था।

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एक दशक से फिर बढ़ा अलवर का कद
पिछले एक दशक से राज्य सरकार में अलवर का कद फिर से बढ़ा है। सन 2013 से 2018 राज्य में भाजपा सरकार रही। इस सरकार में अलवर जिले से थानागाजी विधायक हेमसिंह भड़ाना और बहरोड़ विधायक डॉ. जसवंत यादव कैबिनेट मंत्री बने। वहीं, संदीप यादव को उप मंत्री का दर्जा देते हुए युवा बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया। वहीं, वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। इस सरकार में भी अलवर को पूरी तवज्जो मिली। यहां से टीकाराम जूली और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया।

दो-तीन बार जीतने वालों को मौका
राज्य में भाजपा की सरकार रही हो या फिर कांग्रेस। दोनों ही पार्टियों ने दो-तीन बार चुनाव जीतने वाले अनुभवी नेता को ही मंत्री पद की कमान सौंपी। भाजपा ने हेमसिंह भड़ाना को थानागाजी से दूसरी बार चुनाव जीतने पर मंत्री बनाया था। डॉ. जसवंत यादव को भी दो-तीन बाद चुनाव जीतने के बाद मंत्री पद मिला। वहीं, कांग्रेस सरकार ने भी टीकाराम जूली और शकुंतला रावत को दूसरी बार विधायक बनने के बाद कैबिनेट मंत्री का ताज पहनाया।

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