रामलीला रात नौ बजे संगीत मय आरती अवध दुलारे की भक्त जन जीवन प्यारे की से प्रारंभ हो जाती है। रामलीला आयोजन में रामचरित मानस प्रसंगों के भाव पूर्ण मंचन के दौरान भी व्यास पीठ से बार-बार विजय मंत्र के जाप का आव्हान होता है और दर्शक बच्चों से श्री राम जय जय जय जय राम का उच्चारण कराया जाता है।
रामलीला से पहले ग्यारह पाठ हनुमान चालीसा के प्रतिदिन होते हैं। इस दौरान बच्चे मोबइल की दुनिया से दूर होकर राम नाम का जाप करते नजर आते हैं। बच्चों में संस्कार और इस परिवर्तन को देखकर उनके अभिभावक बेहद खुश हैं। अनेक बुजुर्ग अपने पोते-नातियों को लेकर शाम होते ही रामलीला मैदान पहुंच जाते हैं यहां वे अपने बच्चों के साथ बैठकर भगवान के भजन में लीन रहते हैं।
रामलीला के निर्देशक महेंद्र शर्मा ने बताया कि रामलीला प्रदर्शन के समय आजकल बच्चों में हनुमानजी की सेना में बंदर, भालू बनने का बड़ा उत्साह है। रामलीला महोत्सव से पहले आयोजित हुई रामलीला की रिहर्सल में आए बच्चों के अलावा बड़ी संख्या में बच्चे इन दिनों जिद करके रोल ले रहे हैं। निर्देशक और समिति ऐसे बच्चों को हर संभव मंच पर उतारने का प्रयास कर उनमें संस्कार निर्माण का कार्य कर रही है। रोल करने वाले बच्चों में रामलीला को लेकर जितना उत्साह है उससे कहीं ज्यादा दर्शक बच्चों में भी रामलीला देखने को लेकर जोश और जुनून है। रामलीला मैदान में चल रहे इस राम मेले में उमड़ रही दर्शकों की भारी भीड़ सनातन की जड़ों को मजबूत कर रही है। इतना ही नहीं हर दिन आयोजकों को रामभक्तों को बैठाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है। रामलीला परिवार के अध्यक्ष श्याम शर्मा ने बताया कि यह परम सौभाग्य है कि राम भक्तों की सेवा का अवसर मिल रहा है। रामलीला देखने और रोल करने आ रहे बच्चों को कई घण्टे मोबाइल फोन से निजात मिलना भी एक सुखद अहसास है।