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मत्स्य विश्वविद्यालय की सख्ती: निजी कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूंडेंट्स की बड सकती हैं मुश्किलें 

राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय ने अलवर में चलने वाली निजी कॉलेजों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। निजी कॉलेजों में फर्जी स्टाफ और संसाधनों की कमी के चलते विद्यार्थियों को गुमराह करने जैसी शिकायतें सामने आ रही थी।

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राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय ने अलवर में चलने वाली निजी कॉलेजों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। निजी कॉलेजों में फर्जी स्टाफ और संसाधनों की कमी के चलते विद्यार्थियों को गुमराह करने जैसी शिकायतें सामने आ रही थी।

विवि ने एकेडमिक कॉलेजों से 16 बिन्दुओं की 31 जनवरी तक जानकारी मांगी थी, लेकिन सोमवार तक केवल 75 में से केवल 57 कॉलेजों ने ही अपने दस्तावेज जाम करवाए हैं। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ कर दिया था कि जो कॉलेज जानकारी नहीं देंगे, उनमें अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।

भौतिक निरीक्षण के बाद मिलेगी संबद्धता

विश्वविद्यालय प्रशासन निजी कॉलेजों के दस्तावेजों की 16 बिन्दुओं के अनुसार जांच कर रहा है। उसके बाद किस कॉलेज में क्या-क्या कमी है। उसके आधार पर कॉलेज को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। जहां कमी नहीं होगी, वहां भौतिक निरीक्षण किया जाएगा, उसके बाद निजी कॉलेजों को संबद्धता मिल सकेगी।

निजी कॉलेजों ने जो दस्तावेज जमा कराए हैं, उनकी बिन्दुवार जांच की जा रही है। दस्तावेजों में कमी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - गोपाल कालरा, कार्यवाहक रजिस्ट्रार, मत्स्य विवि।