
अलवर. जिले में सेवारत चिकित्सक मंगलवार को तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इस दौरान अस्पताल में लड़खड़ाई चिकित्सा व्यवस्था को सेना के डॉक्टरों ने संभाला। सेना के डॉक्टरों ने आउट डोर में बैठकर मरीजों का उपचार किया। उनका आयुष चिकित्सक सहित प्रोबेशनल चिकित्सकों ने साथ निभाया।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवान सहाय ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल के तीसरे दिन मंगलवार को जिला प्रशासन की पहल पर सेना के चिकित्सकों की टीम सामान्य अस्पताल पहुंची। टीम में दो महिला चिकित्सक सहित चार चिकित्सक, एक हैल्थ जेसीओ, नर्सिंग टैक्नीशियन सहित छह सदस्यीय नर्सिंग स्टाफ शामिल था।
इनमें दो चिकित्सक मिलिट्री हॉस्पिटल तथा दो 318 फील्ड हॉस्पिटल ईटाराणा के थे। सेना के चिकित्सकों ने आते ही अस्पताल की व्यवस्थाएं संभाल ली। एक महिला चिकित्सक सामान्य अस्पताल के आउट डोर में तथा दूसरी महिला चिकित्सालय में सेवाएं देने लगी। इससे मरीजों को राहत मिली। हालांकि इस दौरान किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इससे अस्पताल के सभी भर्ती वार्ड खाली रहे।
699 मरीजों ने लिया परामर्श
शहर के तीनों सरकारी अस्पतालों में 699 मरीजों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया। इनमें से 514 मरीजों ने राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में परामर्श लिया। वहीं, 67 मरीज महिला चिकित्सालय पहुंचे। 118 मरीजों ने शिशु अस्पताल में दिखाया। महिला चिकित्सालय में इस दिन एक आयुष महिला चिकित्सक व एक सेना की महिला चिकित्सक ने सेवाएं दी।
नर्स ने देखे मरीज
चिकित्सकों की हड़ताल के चलते शिशु चिकित्सालय में मंगलवार को संविदा पर लगे एक चिकित्सक सहित महिला नर्स ने मरीजों की जांच कर परामर्श दिया। सेवारत चिकित्सकों के नहीं होने के बावजूद इस दिन चिकित्सालय में 118 शिशुओं का उपचार किया गया।
संविदा चिकित्सक की सेवाएं होंगी समाप्त
एआरटी में संविदा पर लगे एक चिकित्सक को ड्यूटी पर नहीं आने पर बर्खास्त किया जाएगा। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एआरटी में संविदा पर डॉ. राजेन्द्र रेवडिया लगे हुए हैं। सरकार ने चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान इनकी ओपीडी में सेवाएं लेने के आदेश दिए थे, लेकिन डॉ. रेवडिया अस्पताल नहीं आए। उन्हें लेने के लिए घर गाड़ी भेजी गई, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया। इससे पहले हुई चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान भी वे ड्यूटी पर नहीं आए। सरकार के आदेशों की अवहेलना करने पर उनकी सेवाएं समाप्त कर बर्खास्त की कार्रवाई की जाएगी।
नहीं आए प्राइवेट हॉस्पिटलों के डॉक्टर
सरकार के आदेश के बावजूद भामाशाह से जुड़े प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक मंगलवार को अपनी सेवाएं देने सामान्य अस्पताल नहीं पहुंचे। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने भामाशाह से जुड़े दस प्राइवेट अस्पतालों के एक-एक चिकित्सक को हड़ताल के दौरान सामान्य अस्पताल में सेवाएं देने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद मंगलवार को प्राइवेट हॉस्पिटल का कोई भी चिकित्सक सेवाएं देने नहीं पहुंचा।
आयुष चिकित्सक-7
इन्टर्नशिप- 3
सेना के चिकित्सक-4
एमबीबीएस प्रोबेशनल- 2
Published on:
20 Dec 2017 02:37 pm
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