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नाबालिगों के बहकते कदम… दो साल में 332 ने पकड़ी अपराध की राह

अलवर जिले में किशोरों के अपराध की दुनिया में कदम रखने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते दो वर्षों में 332 नाबालिग अपराध में लिप्त पाए गए हैं, जो समाज और परिवार दोनों के लिए चिंता का गंभीर विषय बन गया है।

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डकैतों ने घर में मचाया उत्पात! परिवार के 11 लोगों को बंधक बनाकर पूछते रहे… कहां हैं सौम्या चौरसिया के 5-7 करोड़..?(photo-patrika)

डकैतों ने घर में मचाया उत्पात! परिवार के 11 लोगों को बंधक बनाकर पूछते रहे… कहां हैं सौम्या चौरसिया के 5-7 करोड़..?(photo-patrika)

अलवर जिले में किशोरों के अपराध की दुनिया में कदम रखने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते दो वर्षों में 332 नाबालिग अपराध में लिप्त पाए गए हैं, जो समाज और परिवार दोनों के लिए चिंता का गंभीर विषय बन गया है। पारिवारिक तनाव, सोशल मीडिया का गलत उपयोग और नशे की प्रवृत्ति किशोर अपराधों की बड़ी वजह बन रहे हैं। जिले में बीते दो वर्षों में नाबालिगों के अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जिला बाल संरक्षण इकाई की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2024 से सितंबर 2025 तक कुल 332 बच्चे विभिन्न अपराधों में पकड़े गए। इनमें 7 से 17 वर्ष तक के बच्चे शामिल हैं, जिन पर चोरी, लूट, दुष्कर्म, हत्या और साइबर ठगी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 159 नाबालिग अपराधों में शामिल पाए गए। इनमें 40 बच्चे दुष्कर्म, 14 हत्या के प्रयास और 5 हत्या के मामलों में पकड़े गए। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि 60 नाबालिग साइबर अपराधों में लिप्त पाए गए, जिससे यह स्पष्ट है कि अपराध अब डिजिटल दुनिया तक भी फैल चुका है।

यो समझे अपराध का आंकड़ा

2025 तक दर्ज मामलों में 7 से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की संलिप्तता कम रही, जबकि 13 से 17 वर्ष के किशोरों में अपराध दर तेजी से बढ़ी है। 2024 के आंकड़ों में 13 से 15 वर्ष की आयु के 21 बच्चे चोरी-लूट में, 9 दुष्कर्म में और 2 हत्या के प्रयास में शामिल पाए गए। वहीं 16 से 17 वर्ष आयु वर्ग के 22 बच्चे साइबर अपराधों में पकड़े गए।

हर माह औसतन 14 नाबालिग अपराध में शामिल

2021 से अब तक जिले में 847 बच्चे विभिन्न अपराधों में पकड़े जा चुके हैं। औसतन हर माह लगभग 14 नाबालिग अपराध में शामिल होकर जेल पहुंच रहे हैं। ये आंकड़े केवल भय पैदा नहीं करते, बल्कि समाज के बदलते स्वरूप का आईना हैं। जिस उम्र में बच्चों के हाथों में किताबें और पेंसिल होनी चाहिए, वहां अब चार्जशीट और हथकड़ी लिखी जा रही हैं। विशेषज्ञों ने अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों के व्यवहार पर सतर्क निगरानी रखने की अपील की है।

मुख्य आंकड़े एक नजर में

नाबालिग अपराधी (2024-25) : 332
2025 (जनवरी-सितंबर) : 159 मामले
बलात्कार के आरोपी बच्चे: 40
हत्या/हत्या के प्रयास : 19
साइबर अपराध में लिप्त : 60
2021 से अब तक कुल : 847 बच्चे
औसतन हर माह पकड़े जाने वाले नाबालिग : 14