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NEP-2020 विद्यार्थियों की जेब पर भारी, अगर सेमेस्टर में एक पेपर ड्यू तो भी देनी होगी पूरी फीस

जब से एनईपी-2020 लागू हुई है, तब से विद्यार्थियों को फीस का डबल भुगतान करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जहां सालभर में एक बार फीस का देनी पड़ रही थी, लेकिन अब प्रत्येक छह माह में फीस जमा करवानी पड़ रही है। यानी साल भर में दो बार परीक्षा शुल्क देना पड़ रहा है।

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जब से एनईपी-2020 लागू हुई है, तब से विद्यार्थियों को फीस का डबल भुगतान करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जहां सालभर में एक बार फीस का देनी पड़ रही थी, लेकिन अब प्रत्येक छह माह में फीस जमा करवानी पड़ रही है। यानी साल भर में दो बार परीक्षा शुल्क देना पड़ रहा है।

प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। एनईपी-2020 लागू होने के बाद विद्यार्थियों के एक विषय में भी ड्यू आने पर उन्हें पूरे सेमेस्टर की फीस चुकानी पड़ रही है। सेमेस्टर ही नहीं, जिन कॉलेजों में साल में एक बार परीक्षा हो रही है, वहां भी पूरी फीस चुकानी पड़ेगी।

इससे गरीब तबके के विद्यार्थियों पर आर्थिक भार बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर विद्यार्थी शहर में किराए पर रहकर तैयारी करते हैं। आर्थिक रूप से भी ये संपन्न नहीं हैं। ऐसे विद्यार्थियों की जेब पर यह आदेश भारी पड़ेगा।

तीसरे सेमस्टर तक आते ही घट गई विद्यार्थियों की संख्या

मत्स्य विश्वविद्यालय में हर साल 35 हजार से ज्यादा पीजी-यूजी में छात्र-छात्राएं दाखिला लेते आ रहा है, लेकिन तीसरे सेमेस्टर तक आते-आते विद्यार्थियों की संख्या करीब 20 हजार रह गई है। 15 हजार छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय से पलायन कर चुके हैं या फेल हो गए है। बताया जाता रहा है कि सिलेबस के अनुसार बाजार में किताबें मौजूद नहीं है और नोडल कॉलेजों में स्टाफ का टोटा होने की वजह से सिलेबस पुरा नहीं होता है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के अंक अच्छे नहीं आ रहे हैं।

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