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अलवर में ERCP के लिए कार्यालय खुला, 3491 करोड़ के हुए टेंडर

पूर्वी राजस्थान के लोगों को पेयजल संकट से राहत देने वाली बहुप्रतीक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) अब धरातल पर उतरने को तैयार है।

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(पत्रिका फाइल फोटो)

पूर्वी राजस्थान के लोगों को पेयजल संकट से राहत देने वाली बहुप्रतीक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) अब धरातल पर उतरने को तैयार है। अलवर जिले में इस योजना को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। सरकार ने इसके लिए जिले में एक अलग कार्यालय स्थापित कर दिया है, जिसमें एक एक्सईएन (XEN) और एक एईएन (AEN) की तैनाती कर दी गई है।

3491 करोड़ रुपए के टेंडर जारी

विभाग की ओर से इस योजना के तहत करीब 3491 करोड़ रुपए के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, अभी संबंधित फर्म को वर्क ऑर्डर जारी किया जाना बाकी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगले एक महीने में काम शुरू होने की संभावना है।

चार साल में पूरा होगा निर्माण, बीस साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी

इस योजना के तहत जिस फर्म को काम सौंपा जाएगा, उसे चार साल में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। साथ ही, 20 साल तक योजना के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी उसी फर्म के पास रहेगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना की संरचना दीर्घकालीन और टिकाऊ हो।

अलवर के लिए वरदान साबित होगी योजना

यह परियोजना अलवर जिले के लोगों के लिए एक वरदान मानी जा रही है, क्योंकि जिले के कई हिस्सों में गर्मियों में भीषण जल संकट रहता है। ERCP योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद अलवर समेत अन्य प्रभावित जिलों में साल भर पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।