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हे भगवान! चार बेटे, आठ पोते, पांच पड़पोती और एक पड़पोता फिर भी तीन दिन बाद दुर्गंध आई तो पता लगा बुजुर्ग की मौत हो गई

चार बेटे, आठ पोते, पांच पड़पोती और एक पड़पोता, लेकिन बुजुर्ग की मौत का किसी को पता नहीं चला, तीन दिन बाद दुर्गंध आई तो पता चला कि बुजुर्ग की मौत हो गई।

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अलवर

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Lubhavan Joshi

Sep 17, 2019

Old Men Death In Alwar None Of Family Members Noticed

हे भगवान! चार बेटे, आठ पोते, पांच पड़पोती और एक पड़पोता फिर भी तीन दिन बाद दुर्गंध आई तो पता लगा बुजुर्ग की मौत हो गई

अलवर. इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं। घरों में पितरों को भोग लगाया जा रहा है। लेकिन हकीकत में लोग अपने जीवित बुजुर्गों का ख्याल नहीं कर रहे। ताजा मामला अलवर का है जहां वृद्ध की मौत हो गई और इसकी जानकारी किसी को नहीं लग पाई। शहर के लाजपत नगर स्कीम नम्बर दो में पिछले दिनों 95 वर्षीय मंगतूराम खंडेलवाल की मौत का पता उस समय लगा, जब घर में से उनके शव में से दुर्गंध आने लगी। तब इनकी पत्नी भी साथ थी लेकिन वृद्धावस्था में उनकी मानसिक व शारीरिक स्थिति सही नहीं होने के कारण उन्हें भी पता नहीं लगा। मकान में दुर्गंध आई तो तलाश हुई और शव छत पर जाने वाली सीढिय़ों में पड़ा हुआ मिला। यह शव दो या तीन दिन पुराना था जिससे पूरा वातावरण दुर्गंधमय हो गया था।

चार बेटे सहित भरा पूरा परिवार

मृतक के पोते रवि खंडेलवाल ने बताया कि बाबा मंगतूराम के चार पुत्र हैं जिन सभी का भरा पूरा परिवार है। इस घर में दादा व दादीजी अकेले रहते थे। घर के समीप रहने वाली बुआ के घर से खाना आता था। सभी लोग बाहर से ही हाल चाल पूछ लेते थे। कई बार भीतर भी मिलने जाते थे। दादीजी की उम्र अधिक होने के कारण उन्हें भी पता नहीं लगा कि दादाजी की मौत कब हुई है। परिवार में आठ पोते, एक पड़पोता और पांच पड़पोती है। पोते रवि ने बताया कि हम सब अलग रहते हैं। हमें 9 सितम्बर को पता लगा कि बाबा का देहांत हो गया है। वे कब गुजरे इसकी वास्तविक तिथि बता नहीं सकते हैं। हम सब अलग-अलग रहते थे।