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सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन

जैन मंदिर में अनेक श्रद्धालु श्रीजी का अभिषेक करने पहुंचे

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नौगांवा. दशलक्षण महापर्व के अवसर पर दिगंबर जैन समाज नौगांवा की ओर से बस स्टैंड श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया।इस अवसर पर सुबह भगवान श्रीजी की पालकी प्राचीन श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर से बैण्डबाजों के साथ निकाली गई। पालकी कस्बे के मुख्य बाजार एवं मार्ग से होती हुई श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बस स्टैंड पर पहुंची। उसके पश्चात ध्वजारोहण पदमचन्द, पारसचन्द जैन ने किया। चित्र अनावरण वीरेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार जैन ने किया। दीप प्रज्वलन शिखर चंद जैन, राजकुमार जैन ने किया। भगवान महावीर स्वामी का शांति धारा व उसके बाद सिद्ध चक्र महामंडल विधान का पूजन किया। इस अवसर पर शाम को प्रतिदिन बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, श्री मल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, प्राचीन श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बस स्टैंड नौगांवा रंगीन लाइटों से सजाया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष अशोक जैन, कोषाध्यक्ष अनिल जैन, जितेंद्र जैन मंत्री, अविनाश जैन, राहुल जैन, नितिन जैन, पवन जैन, महेश जैन, नरेश जैन सहित जैन समाज के लोग बडी संख्या में उपस्थित रहा।

दशलक्षण महापर्व का शुभारंभ

लक्ष्मणगढ़. दिगंबर जैन समाज की ओर से 10 दिन तक चलने वाले दशलक्षण पर्व का गुरुवार को शुभारंभ हो गया। जैन समाज के लोगों ने बताया कि संतों के साथ ही गृहस्थों को 10 दिन तक दशलक्षण क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, संयम, शौच, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।यह पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है।

जिनालयों में अभिषेक, पूजा- अर्चना करने उमड़े श्रद्धालु

कठूमर. जैन धर्म में महत्वपूर्ण दशलक्षण पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि गुरुवार से शुरू हो गया। कस्बे के आदिनाथ व पारसनाथ जैन मंदिर में अनेक श्रद्धालु श्रीजी का अभिषेक करने पहुंचे। महिलाओं ने भी पूजा-अर्चना में बढ़चढ़ कर भाग लिया। अनन्त चतुर्दशी तक चलने वाले दशलक्षण पर्व पर अनेक धार्मिक आयोजन होंगे। जिसमें उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के बाद अगले माह की एकम तिथि को क्षमावाणी पर्व मनाया जाता है। सभी लोग एक-दूसरे को क्षमा करते हैं।