अलवर/अकबरपुर. सरिस्का वन क्षेत्र में भरने वाला पांडुपोल हनुमानजी का लक्खी मेला मंगलवार को भरा। मेले के अवसर पर मंदिर में ज्योत देखी और आरती हुई। मेले के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु मेला देखने और दर्शन के लिए आए। मनोकामना पूरी होने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर में लड्डू, बर्फी का प्रसाद चढ़ाया और सवामणी व भंडारा भी किया। मंदिर में सुबह से ही दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
उमरी तिराहा तक श्रद्धालु निजी वाहनों से जा रहे थे। इससे आगे जाने के लिए प्रशासन की ओर से रोडवेज की बसें लगाई गई थी। पांडुपोल हनुमानजी के दर्शनों के लिए थानागाजी, नारायणपुर व मालाखेड़ा आदि मार्ग से भी श्रद्धालु सरिस्का गेट तक पहुंच रहे थे। इसके बाद करीब ढाई किलोमीटर या तो पैदल जा रहे थे या फिर रोडवेज बसों से। मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह पर पुलिस लगाई गई थी और कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी। मेला मजिस्ट्रेट भी मेले की व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे।
महाभारत कालीन प्रतिमा है यहां: मंदिर में महाभारत कालीन लेटे हुए हनुमानजी की प्रतिमा है। मेले के चलते इस प्रतिमा का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया था। पूरा मंदिर परिसर फूलों से सजाया गया था। अलवर ही नहीं समूचे राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, एमपी सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। हर तरफ बाबा के जयकारे लग रहे थे। इससे भक्तिमय माहौल हो गया। उमरी तिराहा से आगे तक श्रद्धालु पैदल ही दर्शन के लिए जा रहे थे। मेले में पुलिस का विशेष इंतजाम किया गया था।
भंडारे में प्रसादी लेने उमड़े श्रद्धालु: दानदाताओं की ओर से जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे लगाए गए थे और पानी की प्याऊ का विशेष इंतजाम किया गया था। मंदिर के नीचे प्रसाद की दुकानों पर लड्डू बर्फी आदि लेने के लिए श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रही।
महिलाओं ने गाए भक्ति गीत: मेले के दौरान जहां जयकारे लगाए जा रहे थे। वहीं महिला श्रद्धालु हनुमानजी के पारंपरिक लोकगीत गाते हुए जा रही थीं। इससे अन्य श्रद्धालुओं में भी जोश बना हुआ था, लगातार पैदल चलने के बाद भी चेहरे पर थकान नजर नहीं आ रही थी।
सेवा करने में जुटीं संस्थाएं: पांडुपोल मेले में जहां पुलिस मुस्तैद थी। मेला कमेटी के सदस्य मेले में भक्तों के लिए सुविधा करने में लगे हुए थे। वहीं मेले में सेवा करने के लिए सामाजिक व धार्मिक संगठन भी आगे बढक़र सहयोग कर रहे थे।