
दस जून तक आ सकता है प्री मानसून, नालों में ठूंस दिया कचरा...शहर का तालाब बनना तय
अलवर. शहर की सफाई व्यवस्था तो बदहाल है ही। अब नालों की स्थिति भी देख लीजिए। कहीं पर नालों में कचरा ठूंसा हुआ है तो कहीं पर सिल्ट इतनी जमा हो गई कि पानी नहीं निकल पा रहा है। प्री मानसून दस जून तक दस्तक दे सकता है। ऐसे में बिना नालों की सफाई के शहर फिर से तालाब बनने की ओर है। जानकारों का कहना है कि नालों की तली झाड़ सफाई नहीं हुई तो लोगों का बारिश में निकलना मुश्किल होगा। नगर परिषद को इस ओर तो जागना चाहिए।
इससे तो ले लेते अफसर सबक
रोटरी क्लब चौराहे के पास निकल रहे नाले का भी यही हाल है। वह भी कचरे से पटा हुआ है। मनु मार्ग, पुराने इलाकों को जोडऩे वाले नाले भी फुल हैं। इसके अलावा छोटे नाले भी अधिकांश ऐसे हैं जिससे जल निकासी नहीं हो पाएगी। ऐसे में बारिश आएगी तो जलभराव अधिक होगा। लोगों को परेशानी होगी। लोगों का कहना है कि करीब एक माह पहले हुई 20 मिनट की बारिश में ही शहर तालाब बन गया था। उससे भी परिषद के अधिकारी नहीं चेते। इतना जरूर हुआ कि एक नाले की सफाई के लिए जेसीबी का प्रयोग किया गया था। निर्माण विभाग की यह जिम्मेदारी है कि नालों की सफाई का प्लान बनाए लेकिन अब तक अधिकारी नहीं जागे। जनता निर्माण विभाग के अफसरों को फोन भी करती है तो कोई अधिकारी नहीं उठाता और न पलटकर कॉल करते। कंट्रोल रूम पर दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों पर भी अमल नहीं होता।
20 बड़े नालों से जुड़े हैं करीब 200 छोटे नाले
शहर में बड़े नालों की संख्या 20 से अधिक है। काली मोरी, रेलवे स्टेशन मार्ग, तिजारा मार्ग, बिजलीघर चौराहा, मनु मार्ग, जिला परिषद मार्ग, 200 फीट रोड आदि इलाकों में बड़े नाले हैं। इन बड़े नालों से करीब 200 छोटे नाले जुड़े हुए हैं। इस समय अधिकांश छोटे-बड़े नाले चॉक हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर बिजलीघर मार्ग पर नाले में कचरा ठूंस-ठूंसकर भरा हुआ है। आसपास के कुछ दुकानदार कहते हैं कि यहां से कचरा उठता नहीं है। कोई सफाई कर्मचारी आते हैं कि कचरा सीधे नाले में जाता है। इसी तरह काली मोरी एरिया में भी नाला पूरी तरह चॉक है।
Published on:
22 May 2023 10:57 pm
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