
Sariska Tiger Reserve main Gate
नाहर सती मंदिर से लेकर पांडुपोल हनुमान मंदिर तक रोप-वे बनाने की तैयारियां चल रही हैं। ये प्रस्ताव वन मंत्री संजय शर्मा के जरिए केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव के पास पहुंचा है। इस पर अब वन विभाग विस्तृत रिपोर्ट वन मंत्रालय के सामने रखेगा। रोप-वे के नीचे ऐसा मार्ग भी बनाने की तैयारी है जिसके जरिए श्रद्धालु एक मंदिर से दूसरे मंदिर तक पहुंच सकें।
नाहर सती मंदिर से पांडुपोल हनुमान मंदिर तक रोपवे बनाने की तैयारी हो रही हैं। वन मंत्री संजय शर्मा ने यह प्रस्ताव केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव तक पहुंचाया। वन विभाग अब वन मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट देगा। वे रोपवे के नीचे एक रास्ता बनाने की भी योजना बना रहे हैं ताकि आगंतुक आसानी से एक मंदिर से दूसरे मंदिर तक जा सके।
इस तरह 9 किमी का एरिया बन सकता है पर्यटन हब
पांडुपोल हनुमान मंदिर धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है। हर साल यहां से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। इसका मेला भी लगता है। दूसरे छोर में नाहर सती मंदिर है। इसकी भी मान्यता दूर-दूर तक है। श्रद्धालु एक साथ दोनों मंदिरों में मत्था टेक सकें। इसके लिए रास्ते तैयार किए जा रहे हैं। दोनों मंदिर सरिस्का के क्षेत्र में हैं। इनकी दूरी करीब 9 किमी है। श्रद्धालुओं को अभी घूमकर दोनों मंदिरों के लिए जाना पड़ता है। इसी को देखते हुए वन मंत्री संजय शर्मा ने केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव के पास ये प्रस्ताव रखा। रोप-वे के नीचे कच्चे रास्ते को ऐसे रूप में विकसित करने की योजना है ताकि पैदल लोग निकल सकें और जानवर भी घूम सकें।
450 करोड़ आते हैं सरिस्का के खजाने में... डेढ़ गुना बढ़ सकती है आय
सरिस्का के सीनियर गाइड जितेंद्र का कहना है कि दोनों मंदिरों तक पहुंचने के लिए अभी कच्चा मार्ग है। यदि रोप-वे बनता है तो सरिस्का के खजाने में करोड़ों रुपए आएंगे। पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटकों की आवक ज्यादा होगी। रोप-वे बनाने में खर्च भी ज्यादा नहीं होगा। वह कहते हैं कि सरिस्का की सालाना आय अभी करीब 450 करोड़ है। ऐसे में ये आय डेढ़ गुना बढ़ सकती है।
Published on:
16 Feb 2024 11:53 am
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