
राजर्षि कॉलेज (फाइल फोटो)
अलवर के राजर्षि महाविद्यालय प्रशासन ने कॉलेज मैदान के रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी निजी फर्म को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। मैदान को एक साल के लिए ओपन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निजी हाथों में दिया जाएगा। उद्देश्य यही है कि मैदान की दशा सुधर सके। साथ ही, कॉलेज प्रशासन को भी आय हो सके।
टेंडर के तहत जो संस्था या फर्म सबसे अधिक राशि की बोली लगाएगी, उसे मैदान का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि सांसद, विधायक, दो सरकारी नॉमिनी, दो प्राचार्य नॉमिनी और एक ट्रस्टी की बैठक में इसका अनुमोदन होगा, उसके बाद मैदान के लिए ओपन टेंडर किया जाएगा।
मैदान की साफ-सफाई, घास की कटिंग, सीमांकन और समतलीकरण की जिमेदारी ठेका फर्म की होगी। यह व्यवस्था कॉलेज पर वित्तीय बोझ घटाने और मैदान की स्थिति सुधारने के लिए लागू की जा रही है। प्राचार्य गोपीचंद पालीवाल ने बताया कि कॉलेज के विद्यार्थी और कॉलेज से जुड़े सार्वजनिक आयोजन जैसे खेल प्रतियोगिताएं, वार्षिकोत्सव आदि के लिए मैदान पूरी तरह नि:शुल्क उपलब्ध रहेगा। कॉलेज ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति किसी निजी संस्था या अकादमी द्वारा मैदान का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
इस खेल मैदान पर बिना अनुमति कई निजी खेल अकादमियां खिलाड़ियों को अभ्यास कराती हैं। कई बार इन निजी अकादमियों को हटाने के लिए पुलिस का सहारा लिया गया, लेकिन ये फिर से मैदान पर कब्जा जमा लेते हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद केवल टेंडर प्राप्त संस्था की अनुमति से ही मैदान का उपयोग किया जा सकेगा। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से मैदान का रखरखाव बेहतर होगा और अतिरिक्त आय का स्रोत भी मिलेगा।
Published on:
10 Nov 2025 11:45 am
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