
rajasthan election विधानसभा चुनाव के रणभेरी एक सप्ताह में कभी भी बज सकती है। जैसे ही आचार संहिता लगी तो मंत्रियों से लेकर विधायकों की गाड़ियां, गनर, कर्मचारी वापस लिए जाएंगे। वहीं जिला प्रमुख से लेकर मेयर, समितियों व बोर्ड के अध्यक्ष की भी गाड़ियां व अन्य सुविधाएं छिन जाएंगी। ऐसे में नेता चुनाव से पहले ही अन्य गाड़ियों की व्यवस्था में लगे हैं। कुछ नेताओं को चुनाव में गनर चाहिए। ऐसे में वह निजी सुरक्षा पर काम कर रहे हैं। मालूम हो कि अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में केंद्रीय निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है। इसके बाद जन प्रतिनिधियों को मिलने वाली राजकीय सुविधा तत्काल वापस हो जाएंगी। गनर, पीए आदि अपने मूल विभागों में जाएंगे।
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इन्हें मिले हैं सरकारी वाहन और कर्मचारी
मंत्रियों व विधायकों के अलावा जिला स्तर पर सरकारी वाहन जिला प्रमुख, नगर निगम के मेयर, नगर परिषदों के सभापति, पंचायत समितियां के प्रधान, सरस डेयरी के अध्यक्ष व अन्य कई जनप्रतिनिधियों को मिले हुए हैं। इसके अलावा इनमें से कई नेताओं के पास सरकारी तौर पर लिपिक भी बतौर निजी सहायक लगे हुए हैं तो कुछ को सरकारी अंगरक्षक भी मिले हुए हैं। कुछ सरकारी कर्मचारी भी नेताओं के सरकारी आवास पर काम करने के लिए लगाए गए हैं। आचार संहिता लगने के बाद उनकी तमाम सुविधाओं को राज्य सरकार अधिग्रहित कर लेगी। मंत्रियों और बोर्ड निगम के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों को सभी सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई हुई हैं। यह भी आचार संहिता लगते ही वापस कर दी जाएंगी।
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अधिकांश विधायकों के पास हैं अंगरक्षक
अलवर जिले में एक-दो विधायक की बात छोड़ दी जाए तो लगभग सभी विधायकों के पास अंगरक्षक पुलिस विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं। किसी के पास एक से अधिक तो किसी को एक हथियारबंद गनमैन की सुविधा दी गई है। मंत्रियों के पास पीए आदि भी लगाए गए हैं। ये सभी वापस होंगे।
Published on:
01 Oct 2023 04:56 pm
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