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नौतपा शुरू: मगर 9 दिन नहीं पड़ेगी भीषण गर्मी, 4 दिन तक बारिश होने की प्रबल संभावना

नौतपा के पहले दिन की शुरुआत जयपुर स​हित कई जिलों में हल्की बारिश और गर्मी से राहत के बीच हुई।

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अलवर

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Santosh Trivedi

May 25, 2025

rain in jodhpur rajasthan

जोधपुर में बारिश, फोटो- पत्रिका

Nautapa 2025: नौतपा रविवार से शुरू हो गए। नौतपा के पहले दिन की शुरुआत राजस्थान के जयपुर स​हित कई जिलों में हल्की बारिश और गर्मी से राहत के बीच हुई। कहावत है कि "तपै नौतपा 9 दिन जोय से वर्षा बहुत ही होय" यानी अगर नौतपा के दौरान सूर्य बहुत तेज तपता है तो बाद में अच्छी बारिश होती है। हालांकि इस बार नौ दिन तक तेज गर्मी की संभावना कम नजर आ रही है। मौसम विभाग की मानें तो 25 से 30 मई के बीच बारिश होने की प्रबल संभावना है।

बैकुंठ धाम मंदिर के महंत राजेश गिरी ने बताया कि जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब नौतपा की शुरुआत होती है। इस बार 25 मई को यह प्रवेश हो रहा है। इस प्रवेश के साथ ही नौ दिन तक तेज गर्मी पड़ेगी। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। तब गर्मी का असर कम होना शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह नक्षत्र 15 दिन तक रहता है। लेकिन शुरू के 9 दिन नौतपा कहलाते हैं। इस समय सूर्य देव पृथ्वी के बहुत करीब आ जाते हैं, जिससे गर्मी की तीव्रता अपने चरम पर पहुंच जाती है।

जितना सूर्य तपेगा, उतनी अच्छी होगी बारिश

मान्यता है कि नौतपा में सूर्य जितना तपेगा, बारिश उतनी ही अच्छी होगी। यह गर्मी का समय है जो बारिश के मौसम के लिए तैयार करता है। नौतपा में गर्मी होने से कीट-पतंगे, चूहों और अन्य जीवों का प्रजनन नष्ट हो जाता है। कहावत है कि दो मूसा दो कातरा दो टिड्डी दो ताओ नौतपा से यह घटे फसलों को हो लाभ।

कहावत का अर्थ है कि नौतपा के पहले दो दिन अगर लू न चले तो चूहे बढ़ जाते हैं, अगले दो दिन अगर लू न चले तो कातरे (फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट) बढ़ जाते हैं, उसके बाद के दो दिन अगर लू न चले तो टिड्डी बढ़ सकती है और अंतिम दो दिन अगर लू न चले तो विषैले जीव (सांप, बिच्छू) का प्रकोप हो सकता है।

दान का विशेष महत्व

नौतपा में पानी, शरबत व दही इत्यादि ठंडी वस्तुओं के साथ मटका, पंखा, छाता इनका दान करना चाहिए। इससे कुंडली में सूर्य और चंद्र मजबूत होते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस समय की गई तपस्या, सेवा और दान अत्यंत फलदायी होते हैं। नौतपा के इन दिनों आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करने से मानसिक शक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। सूर्य को जल चढाना चाहिए।

स्वास्थ्य का रखें ध्यान

नौ दिनों में तामसी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, अन्यथा बीमारी फैलने का भय रहता है। नौतपा के समय में तपती दोपहर में घर से बाहर निकलना सेहत पर असर डाल सकता है, इसलिए बिना जरूरत के नौतपा में घर से बाहर नहीं निकलें।

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