
स्काईडाइवर के दौरान 80 साल की श्रद्धा चौहान (patrika)
कुछ करने और सीखने के लिए उम्र आड़े नहीं आती हैं। जीवन में सपने पूरे करने हो तो उम्र भी नहीं देखी जाती हैं। इसी बात को चरितार्थ किया है बानसूर कस्बे के निकट गांव दौलत सिंह की ढाणी निवासी 80 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता व सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. श्रद्धा चौहान ने। उन्होंने भारत की पहली सबसे उम्रदराज स्काई ड्राइवर बनकर रिकॉर्ड बनाया है। महिला का यह सपना वर्षो पुराना था।
ब्रिगेडियर रहे बेटे सौरभ सिंह शेखावत ने अपनी मां के 80वें जन्मदिन पर यह सपना पूरा किया हैं। महिला जय नारायण विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त है, वहीं बेटा सौरभ सिंह शेखावत भारतीय सेना से ब्रिगेडियर के पद से सेवानिवृत्त हैं। बेटे ने अपनी मां की इच्छा नारनौल के पास बनाए स्काई ड्राइविंग स्कूल में लाकर पूरी की है।
श्रद्धा चौहान ने 10 हजार फीट की ऊंचाई से क्राफ्ट प्लेन से ड्राइव लगाई। उस समय ड्राइविंग की रफ्तार 230 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। श्रद्धा चौहान के पति जसवंत सिंह शेखावत भी कृषि विज्ञान केंद्र नौगांवा से प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त है।
महिला प्रोफेसर ने बताया कि मैं विश्वविद्यालय से संस्कृत की प्रोफेसर से सेवानिवृत होकर गांव में रह रही हूं। गत वर्ष बेटे ने नारनौल के पास बछोद गांव में बने देश के एकमात्र स्काई ड्राइविंग स्कूल से मिलकर स्काई ड्राइविंग को दिखाया। इस दौरान मेरी भी आसमान में उड़ने की इच्छा हुई।
इस पर मैंने भी मेरे जन्मदिन पर बेटे की तरह खुले आसमान में उड़ान भरी। ब्रिगेडियर सौरभ सिंह शेखावत ने बताया हर बेटे को अपने मां-बाप की इच्छा पूरी करनी चाहिए। श्रद्धा चौहान गांव खेड़ा की सरपंच रह चुकी है। वहीं कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर गोसेवा में जुटी हुई हैं।
Published on:
11 Jul 2025 12:14 pm
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