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राजर्षि कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ हुआ बड़ा धोखा, महाविद्यालय ने नोटबंदी के समय नहीं बदलवाए 1 लाख से अधिक रुपए, अब बन गए कागज

अलवर के राजर्षि महाविद्यालय प्रशासन ने नोटबंदी के बाद पुराने नोट बैंक में जमा ही नहीं करवाए जो अब कागज बन चुके है।

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अलवर

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Prem Pathak

Feb 17, 2018

RR college administration did't change old notes in bank

अलवर. नोटबंदी के दौरान पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने को लेकर कुछ माह तक हर तरफ अफरा-तफरी सा माहौल बना रहा है, बावजूद इसके मुख्यालय स्थित राजर्षि कॉलेज ने बच्चों से एकत्रित किए गए 1 लाख 3 हजार रुपयों के पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने या बदलावाने के मामले में लापरवाही भरा रवैया अपनाया। जिसके चलते ये रुपए अब केवल कागज बनकर रह गए हैं। जानकारी के मुताबिक चार साल पहले राजर्षि महाविद्यालय के एक व्याख्याता ने बायोटेक विषय में प्रायोगिक परीक्षा में प्रोजेक्टर बनवाने के नाम पर प्रति विद्यार्थी 3 हजार रुपए लिए। इस पर कुछ विद्यार्थियों ने इस तरह से रुपए लेने को लेकर तत्कालीन प्राचार्य डॉ. घनश्याम लाल को शिकायत की गई। साथ ही निदेशालय को भी शिकायत हुई। मामले की जांच राजकीय कला महाविद्यालय के प्राचार्य आर.एस खोलिया ने की। जांच के बाद एकत्रित हुई 1 लाख 3 हजार रुपए कॉलेज की अलमारी में ही रख दिए गए। इसमें सभी पुराने 500 के नोट थे। जिन्हें नोटबंदी के बाद ना तो बैंक में जमा कराया गया और ना ही बदलवाया गया। सरकारी कॉलेज होने के बाद इस रकम के प्रति लापरवाही भरा रवैया अपनाया गया। जिसके चलते ये रुपए अब कागज से बढकऱ कुछ नहीं हैं। विडम्बना यह है कि कॉलेज प्रशासन ने इस मामले की सुध भी ली तो पुराने नोट जमा कराने की अवधि बीतने के बाद, स्थानीय स्तर से कॉलेज निदेशालय को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका।
खास बात यह है कि विद्यार्थियों से लिए गए रुपयों का ना तो कोई उपयोग हुआ और ना ही यह विद्यार्थियों को वापस दिए गए। कॉलेज के सूत्र के मुताबिक यह रकम अभी तक कॉलेज की अलमारी में ही रखी है। वहीं, प्राचार्य डॉ. अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि किन्हीं कारणों से यह रकम कॉलेज के बैंक खाते में जमा नहीं कराई जा सकती थी, जिसके लिए पहले ही निदेशालय को लिख दिया।