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सरस डेयरी: BJP प्रत्याशियों को पांच मिनट की देरी पड़ी भारी, निदेशक बनने का सपना टूटा

अलवर सरस डेयरी की राजनीति में सत्तापक्ष के प्रवेश करने के सपने फिलहाल टूट गए हैं। लापरवाही उन्हीं की तरफ से हुई। महज 5 मिनट की देरी के कारण वे निदेशक पद के लिए नामांकन नहीं भर पाए।

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सरस डेयरी पर जमा भीड़ (फोटो - पत्रिका)

अलवर सरस डेयरी की राजनीति में सत्तापक्ष के प्रवेश करने के सपने फिलहाल टूट गए हैं। लापरवाही उन्हीं की तरफ से हुई। महज 5 मिनट की देरी के कारण वे निदेशक पद के लिए नामांकन नहीं भर पाए। इस दौरान खूब मशक्कत की गई। बड़े नेताओं को फोन किए गए, लेकिन चुनाव अधिकारी ने निर्धारित समय के बाद सुरक्षा बलों के जरिए नामांकन स्थल का गेट बंद करवा दिया और नामांकन न होने पर चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर दी।

आखिर में भाजपा की ओर से बाड़ाबंदी करके लाए गए निदेशक पद के 12 प्रत्याशियों के हाथ निराशा ही लगी। दिनभर शहर में चर्चा रही कि प्रदेश में सरकार भाजपा की है, लेकिन नियमों में बंधे अधिकारियों ने निर्धारित समय के बाद नामांकन नहीं भरने दिया। निदेशक पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू हुई, जो दोपहर एक बजे तक चलनी थी। सुबह नामांकन स्थल भवानी तोप सर्किल पर भीड़ जुटना शुरू हो गई।

इसी दौरान निदेशक पद के लिए भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता केजी खंडेलवाल नामांकन पत्र लेकर गए। निर्धारित समय के बीच कुल 31 नामांकन पत्र लोग लेकर पहुंचे। तब तक दोपहर के 12 बज गए थे। कोई नामांकन करने नहीं पहुंचा तो चुनाव अधिकारियों से लेकर बाहर खड़े लोगों में चर्चा शुरू हो गई।

बड़े नेताओं के फोन नहीं आए काम

एक बजते ही कुछ मीडिया कर्मियों ने चुनाव अधिकारी कृष्णानंद शर्मा से पूछा कि कितने बजे तक नामांकन होंगे, तो उन्होंने दोपहर एक बजे का कहकर बाहर घोषणा करवा दी कि नामांकन प्रक्रिया के निर्धारित समय तक एक भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं कराया। इसी के साथ सुरक्षा कर्मियों से नामांकन स्थल का गेट बंद करना शुरू कर दिया। ठीक 5 मिनट बाद दोपहर 1.05 बजे एक मिनी बस नामांकन स्थल के बाहर आकर रुकी। तेजी से निदेशक प्रत्याशी व भाजपा के नेता नीचे उतरे और नामांकन स्थल की ओर बढ़े।

उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया। कहा कि नामांकन का समय निकल गया। काफी बहस भी हुई, लेकिन प्रवेश नहीं हो पाया। करीब 15 मिनट तक बहस चलती रही। भाजपा के नेता केजी खंडेलवाल, बन्नाराम मीणा, इंद्र यादव, नीलेश खंडेलवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय नरूका, नितिन सांगवान बड़े नेताओं को फोन करते नजर आए। जब नामांकन में सफलता नहीं मिली, तो चेयरमैन पद की तैयारी कर रहे नितिन सांगवान आखिर में सिर पकड़ कर बैठ गए। सबके चेहरे लटक गए।

दौलतपुरा सोसायटी को मिला स्टे, आगे चुनाव में करना होगा शामिल

कठूमर की दौलतपुरा सोसायटी का बोर्ड भंग कर दिया गया, तो इसके अध्यक्ष कैलाश मीणा हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्हें भी दोपहर में ही स्टे मिला। हाईकोर्ट में केस लड़ रहे उनके वकील पवन कुमार शर्मा ने अपने लेटर हैड पर राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरण, चुनाव अधिकारी अलवर समेत चार लोगों को पत्र भेजा। उनका कहना है कि फोन से भी संबंधित लोगों को अवगत कराया है कि दौलतपुरा सोसायटी को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। उनका बोर्ड भंग नहीं माना जाएगा। ऐसे में वह भी अब इस चुनाव की हकदार हैं। बताया जा रहा है कि इसी के चलते मामला ठंडा होता गया।

निर्विरोध चुनाव जीतने की मंशा पर फिरा पानी

सरस डेयरी के निदेशक चुनाव नामांकन में हमारे चार प्रत्याशियों ने फार्म लिए थे। भाजपा के प्रत्याशियों को लग रहा था कि पहले यह देख लिया जाए कि कौन-कौन नामांकन करता है, उसके बाद यह नामांकन करते, इसलिए यह लेट हुए ताकि निर्विरोध चुनाव जीत जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि नामांकन का समय निकल चुका था। - टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष

182 मतदाताओं को डालने थे वोट

12 निदेशकों का चुनाव 182 मतदाताओं को करना था। निदेशक के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी डेयरी एमडी को 40 नामांकन पत्र दिए थे, जिसमें से 31 नामांकन पत्र लोगों ने लिए, लेकिन यह जमा नहीं कराए गए। नामांकन का समय सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक रखा गया था। इसके बाद सूचना का प्रकाशन होना था। 20 सितबर को उमीदवार की नाम वापसी सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक होनी थी। उसी दिन सूची का प्रकाशन होना था। 29 सितबर को मतदान तय था। एक अक्टूबर को यह निदेशक चेयरमैन का चुनाव होना है।

गौरव पथ पर नहीं था ट्रैफिक मैनेजमेंट…. बिगड़ गया खेल

नामांकन स्थल भवानी तोप सर्किल से बाड़ाबंदी वाला होटल 10 किमी दूर बहरोड़ मार्ग पर था। प्रत्याशी गौरव पथ से मिनी बस के जरिए आ रहे थे। स्कूल-कॉलेजों के बच्चों की छुट्टी भी उसी समय हुई थी। साथ ही चतुर्थ श्रेणी की परीक्षा में शामिल होने आए 41 हजार अभ्यर्थी भी दोपहर 12 बजे के बाद ही केंद्रों से बाहर आए थे। भीड़ गौरव पथ पर बढ़ती गई। प्रत्याशी इसी ट्रैफिक से धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। इस रास्ते पर तीन ट्रैफिक लाइटें भगत सिंह, बिजलीघर व एसएमडी सर्किल पर हैं, उनके कारण भी रुकना पड़ा। कुल मिलाकर भवानी तोप सर्किल तक पहुंचने में 30 मिनट से ज्यादा समय लग गया।

निर्विरोध होना था चुनाव

भाजपा ने इस बार 12 निदेशक अपने बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। उसी के हिसाब से सोसायटी के अध्यक्ष चुने गए। नितिन सांगवान को भी मुंडावर विधानसभा क्षेत्र में सिरोड़ खुर्द डेयरी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति से अध्यक्ष बनाया गया। बताते हैं कि उन्हीं के नेतृत्व में पूरी टीम को दो दिन से बहरोड़ मार्ग पर एक रिसॉर्ट में ठहराया गया था। उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि पांच मिनट की देरी भारी पड़ जाएगी। क्योंकि चुनाव निर्विरोध होना था। कांग्रेस के उमीदवार मैदान में कहीं दिखे नहीं। नामांकन किसी का नहीं हुआ था। ऐसे में जीत भाजपा के दावेदारों की पक्की थी।

निदेशक के चुनाव के लिए दोपहर एक बजे तक किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र नहीं भरा। इस वजह से चुनाव स्थगित करना पड़ा। अब आगे राज्य सरकार चुनाव की तिथि तय करेगी। हमारे पास हाईकोर्ट से स्टे की कोई सूचना नहीं है - कृष्णानंद शर्मा, निर्वाचन अधिकारी, सरस डेयरी

हमारा बोर्ड भंग कर दिया गया था। हमें सूचना 15 दिन पहले दी गई। हम हाईकोर्ट पहुंचे और स्टे मिल गया। उसकी सूचना हमारे वकील ने निर्वाचन अधिकारी को दी, जिसके चलते नामांकन नहीं हो पाए। इस चुनाव में हम भी भाग लेंगे - कैलाश मीणा, निवर्तमान अध्यक्ष, दौलतपुरा सोसायटी

भाजपा तानाशाही के जरिए सरस डेयरी में बोर्ड बनाना चाहती थी, लेकिन ईश्वर ने इनका साथ नहीं दिया। इनके प्रत्याशी देरी से पहुंचे और नामांकन नहीं करा सके - विश्राम गुर्जर, निवर्तमान चेयरमैन, सरस डेयरी

निदेशक पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया के बनाए गए नियमों का पालन हुआ या नहीं, इसके बारे में पार्टी के प्रत्याशियों से वार्ता करेंगे और उसके बाद आगे निर्णय लेंगे - अशोक गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष