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जानिए सरिस्का में बाघ बाहर क्यों निकल रहे

सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ने के कारण अब उनके जंगल से बाहर निकलने की समस्या बढ़ गई है। बाहर निकलने वाले बाघों को नए कोरिडोर बनाकर सरिस्का में रोका जा सकता है। अलवर बफर रेंज का एक बाघ किशनगढ़बास पहुंचा, वहीं सरिस्का का एक बाघ पहले ही रामगढ़ के जंगल में घूम रहा है तथा पहले भी सरिस्का के बाघ निकल कर राजगढ़, दौसा तक पहुंच चुका है।

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अलवर

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Prem Pathak

Jan 04, 2024

जानिए सरिस्का में बाघ बाहर क्यों निकल रहे

जानिए सरिस्का में बाघ बाहर क्यों निकल रहे

बाघों की बढ़ती संख्या ने देश दुनिया में सरिस्का टाइगर रिजर्व की ख्याति बढ़ाई, लेकिन टैरिटरी की तलाश में बाघों के जंगल से बाहर निकलने से चिंता भी बढ़ी है। कारण है कि सरिस्का एक बाघ करीब दो साल से लापता है, वहीं एक जयपुर के रामगढ़ जंगल में पहुंच चुका है, वहीं एक अलवर बफर रेंज से निकल किशनगढ़ के जंगल में घूम रहा है। सरिस्का में बाघों की संख्या में अभी और वृदि्ध होनी है, ऐसे में बाघों की सलामती के लिए नए कोरिडोर तैयार करने की जरुरत बढ़ गई है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी 31 बाघ हैं, इनमें 7 बाघ अकेले अलवर बफर रेंज में हैं। इनमें 9 बाघ नए हैं, जिन्हें अपनी नई टैरिटरी की जरुरत होगी। ऐसे में सरिस्का के बाघों के जंगल से बाहर निकलने की समस्या अभी और भी विकट होने की उम्मीद है। यही कारण है कि नए बाघों के लिए टेरिटरी तैयार करने के प्रयास अभी शुरू नहीं हुए तो बाघों की बढ़ती संख्या सरिस्का प्रशासन की समस्या बढ़ा सकती है। इस समस्या का निराकरण केवल नए कोरिडोर से ही संभव है।

वन विभाग के प्रयास शुरू, सरिस्का भी बनाएं योजना

अलवर वन मंडल ने जिले में नए कोरिडोर तैयार करने की पहल शुरू की है। वन विभाग वन क्षेत्र से बाहर नया वन क्षेत्र विकसित कर बाघों के लिए नए कोरिडोर तैयार करने में जुटा है। योजना के तहत वन क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायत एवं सिवायचक भूमि पर पौधे लगाकर वन क्षेत्र तैयार किया जाएगा। इससे अलवर, जिंदोली होेते हुए थानागाजी सरिस्का क्षेत्र में नया वन क्षेत्र तैयार हो सकेगा। यह वन क्षेत्र विराट नगर के वन से जुड़ जाएगा। वहीं इस नए वन क्षेत्र का जुड़ाव जमवा रामगढ़ तक हो सकेगा। इससे अलवर से सरिस्का होते जमवा रामगढ़ तक वन क्षेत्र के रूप में नया कोरिडोर तैयार होगा, जो कि सरिस्का के नए बाघों की टेरिटरी बनेगा।

इस तरह तैयार हो रहा नया कोरिडोर

राजस्थान स्टेट फोरेस्ट योजना में प्रदेश में 20 फीसदी क्षेत्र में वन विकसित किए जाने हैं। अभी प्रदेश में वन क्षेत्र 9.1 प्रतिशत है। नया वन क्षेत्र विकसित करने के लिए सड़क किनारे, पंचायत, सिवायचक भूमि आदि पर नए पौधे लगाए जाएंगे। इस योजना के तहत प्रदेश में 5 करोड़ और अलवर जिले में 28 लाख नए पौधे लगाए जाने हैं। ये पौधे मानसून के दौरान वन विभाग की ओर से लगाए जाने वाले पौधों से अलग हैं।

दो- तीन नए कोरिडोर हो सकेंगे तैयार

इस योजना में बल्लूवास, प्रतापगढ़, थानागाजी और गुढ़ा चुरानी थानागाजी क्षेत्र में नए कोरिडोर तैयार हो सकेंगे। इसमें सरिस्का के पश्चिमी छोर और वन विभाग के क्षेत्र के बीच गैप में पौधे लगाकर सरिस्का के वन क्षेत्र से जोड़ा जा सकेगा।