पोर्टल पर मिल सकेगी जानकारी
योजना का उद्देश्य देशभर में हादसे के शिकार लोगों को तत्काल कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने योजना पांच मई को आधिकारिक तौर पर अधिसूचना भी जारी कर दी है। साथ ही योजना के अंतर्गत इलाज की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की तैयारियां की जा रही है। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की जाएगी, जहां पीड़ित और उनके परिजन आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके
इसके अलावा हादसे के तुरंत बाद पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि घायलों को जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके। अगर किसी कारणवश पीड़ित को नामित अस्पताल नहीं मिलता और इलाज अन्य अस्पताल में कराया जाता है तो उस अस्पताल में सिर्फ स्थिर हालत (स्टेबलाइजेशन) तक का इलाज ही इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
सरकार करेगी पुनर्भरण
यह योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगी। यह न केवल उनकी जान बचाने में मदद करेगी, बल्कि उनके परिवार पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को भी कम करेगी। जानकारी के अनुसार योजना में सभी तरह की सड़क दुर्घटनाओं को कवर किया जाएगा, चाहे वह मोटर वाहन से संबंधित हो या अन्य कारणों से हुई हो।
दोनों तरह के अस्पताल शामिल होंगे।
इसके लिए सरकार देशभर में अस्पतालों का एक नेटवर्क तैयार कर रही है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पताल शामिल होंगे। इन अस्पतालों को योजना में पंजीकृत किया जाएगा और वे कैशलेस इलाज प्रदान करने के लिए अधिकृत होंगे। वहीं, इलाज का खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। सभी राजकीय एवं प्रमाणीकृत निजी चिकित्सालय, जिनमें इस तरह के मामले आते हैं, तो उन्हें मरीजों का इलाज सुनिश्चित करना होगा। साथ ही इसकी रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय को भिजवाने के साथ आईरेड पोर्टल पर भी एंट्री करना जरूरी है। -डॉ. योगेन्द्र शर्मा, सीएमएचओ, अलवर