22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिक्षकों से जुड़े चौंकाने वाले मामले आए सामने, ये नियुक्तियां हो सकती है फर्जी

Recruitment Scam: जिला परिषद में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के नीमराना, बानसूर, मुंडावर, रैणी व थानागाजी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में 7 शिक्षक 28 साल से नियुक्ति आदेश में अंकित गलत नाम के आधार पर नौकरी करते रहे।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Nupur Sharma

Jun 13, 2023

teacher

अलवर। Recruitment Scam: जिला परिषद में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के नीमराना, बानसूर, मुंडावर, रैणी व थानागाजी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में 7 शिक्षक 28 साल से नियुक्ति आदेश में अंकित गलत नाम के आधार पर नौकरी करते रहे। कुछ समय पूर्व इन्होंने अपने नाम, जाति व पिता का नाम बदलवाने के लिए जिला परिषद में आवेदन किया तो जिला परिषद ने पिछले नौ माह में इन सभी शिक्षकों के नाम में संशोधन भी कर दिया। एक शिक्षक के तो पिता का नाम तक बदल दिया गया। एक अन्य शिक्षक के पिता के नाम में संशोधन का प्रार्थना पत्र अभी लंबित है। यह मामला सरकार के पास पहुंचा है। कहा गया है कि यह नियुक्तियां फर्जी हो सकती हैं। इनकी विस्तृत जांच की आवश्यकता है। जिला परिषद के आधार को भी गंभीरता से परखा जाए। इन शिक्षकों ने जिला परिषद को यह स्पष्ट नहीं किया कि अब उन्हें नाम संशोधन की क्या आवश्यकता पड़ रही है और ऐसा कौन सा काम है जो बिना संशोधन के अटक रहा है।

यह भी पढ़ें : हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू का वीडियो वायरल, महिला SHO पर लगाए पैसे लेने के आरोप

इसलिए आशंका
नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद दस्तावेजों का तीन स्तर पर सत्यापन हुआ लेकिन किसी ने भी नियुक्ति आदेशों में अंकित नाम का मिलान नहीं किया। सत्यापन किया है तो फिर नियुक्ति आदेश में नाम उसी समय संशोधित होने चाहिए थे? आशंका है कि नियुक्ति आदेश किसी और के नाम से जारी हुए हों और यह लोग नौकरी करते रहे हों। रिटायरमेंट के समय इन्हें लगा कि इसी कारण से पेंशन रुक सकती है, इसलिए नाम बदलवाना जरूरी है।

यह प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है और न इसकी कोई शिकायत मिली है। मेरी ज्वाइनिंग से पहले का मामला है, फिर भी शिकायत आएगी तो दिखवाया जाएगा। — कनिष्क कटारिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद

यह भी पढ़ें : घूस ले ही रहे थे, कि पड़ गई ACB Raid, गिरदावर समेत तीन दलाल अरेस्ट, जानें पूरा मामला

सभी सेवाओं का मिला लाभ, अब जरूरत क्यों
वर्ष 1994 एवं 1995 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति आदेश जारी हुए थे। 7 शिक्षकों ने पिछले 9 माह के दौरान जिला परिषद में आवेदन कर कहा, नियुक्ति आदेश में उनके और उनके पिता के नाम गलत हैं। दो अभ्यर्थियों ने खुद के नाम के साथ पिता के नाम में भी संशोधन के लिए आवेदन किए। शेष पांच अध्यापकों ने केवल खुद के नाम में ही संशोधन कराया। 28 साल तक खुद के पिता के गलत नाम होने के कारण राजकीय सेवा में बाधा नहीं आई और इस दौरान लगातार अध्यापकों की ओर से वित्तीय लाभ लिए गए। इसी दौरान अध्यापकों को 9 साल, 18 साल व 27 साल की एसीपी का लाभ भी मिला, अब रिटायरमेंट के पास आकर अध्यापकों ने बताया कि उनका नाम या उनके पिता का नाम नियुक्ति आदेश में गलत है। 28 वर्षों तक इस बात को किसी ने चैक ही नहीं किया।