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किसानों की यह कौनसी मांग है, जिसे लेकर भर रहे आंदोलन की हुंकार…देखे वीडियो

किसानों की भौहें टेडी से और टेडी होती जा रही है। दूसरी ओर राज्य सरकार हो या केन्द्र। इस ओर गौर ही नहीं कर रही। किसानों की समस्याओं की सूची भी लंबी है, लेकिन इनमें कुछ खास भी है। जिनमें विशेषकर पानी की समस्या शामिल है। अलवर जिले में किसानों को पेयजल के साथ सिंचाई के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। इसे लेकर किसान आंदोलन की हुंकार भरने लगे हैं।

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अलावड़ा (अलवर). रामगढ. कस्बे अलावड़ा पुलिस चौकी से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर प्रशासन की नाक के नीचे लंबे समय से लगातार हो रहे अवैध खनन पर कार्रवाई नहीं होने व खेतों में सिंचाई के लिए गहराते जल संकट के संबंध में रविवार को गांव मानकी में क्षेत्रीय किसानों की बैठक पंचायत हुई। जिसमें भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिला प्रधान वीरेंद्र मोर की अध्यक्षता में किसानों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की गई और आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। इस दौरान खनन क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसान मौजूद रहे।

वक्ताओं ने कहा कि गांव मानकी, गुर्जर पुर, मांधला, पुठी, चंडीगढ़, करौली जैसे गांवों में लंबे समय से खनन माफिया क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। माइनिंग के कई अवैध प्लांट संचालित है। माइनिंग संबंधी किसी तरह की गाइड लाइन का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा। एनसीआर में आने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण नहीं किया जा रहा। 24 घंटे प्लांट चलते हैं और हवा से आसपास के गांवो में डस्ट उडक़र आ जाती है। जिससे लोगों के सांस संबंधी बीमारियां पैदा हो रही है। ग्रामीणों के कहना है कि क्षेत्र के छोटे जमीदार जिनकी जमीन खनन क्षेत्र के पास है, वहां किसानों को खेती करने में दिक्कत आती है। हेवी ब्लास्टिंग की वजह से ग्रामीणों को जान माला का डर बना रहता है। स्थिति ऐसी है कि वन विभाग की जमीन को भी खत्म कर दिया। गैर मुमकिन जमीन पर धड्डले से खनन माफिया खनन कर रहे है। अवैध खनन की वजह से क्षेत्र में जल संकट बड़ी समस्या बनता जा रहा है। पानी रसातल में पहुंच गया है। हजारों फीट खुदाई पर भी पानी नहीं मिल रहा है। सिंचाई के लिए पानी समाप्त हो चुका है।

क्षेत्र में अगर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहेत नहरी और पेयजल पानी नहीं आता है तो क्षेत्र के किसानों के लिए भयंकर समस्या खड़ी होगी।किसानों को मजबूरन पलायन करना पड़ेगा। इसी संबंध में किसानों ने पंचायत कर तय किया की गांव-गांव पंचायत कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। क्षेत्र के किसानों ने फैसला किया कि जल्द ही एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. ताकि सरकार तक बात पहुंच सके। सभी ने एक सुर में मांग की कि जल्द यहां अवैध खनन रोका जाए और क्रेशर का संचालन बंद किया जाए। इस दौरान जितेंद्र यादव, खुशीराम, मास्टर फकरुदीन, कमल चंद, ताहिर, मनीष यादव, कृष्ण सैनी, मुनफेद खान, संदीप लोंगवाल, सुब्बा पहलवान, विक्की यादव आदि किसानों ने भी संबोधित किया।