
अलवर। पितरों को समर्पित व पितरों के प्रति श्रद्धा का पर्व श्राद्ध पक्ष इस बार 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक रहेगा। इस अवधि में शुभ-मांगलिक कार्य नहीं होंगे। शास्त्रों के अनुसार पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धा पूर्वक किया जाने वाला तर्पण, पिंडदान, गऊ ग्रास, कुत्ते व कौए को दिया जाने वाला ग्रास, ब्राह्मण को कराए जाने वाले भोजन का श्राद्ध में विशेष महत्व है। इससे पितर प्रसन्न होकर यश, वैभव, कीर्ति, सुख-समृद्धि, आरोग्य, पुत्र- पौत्रादि, वंश वृद्धि, घर में सुख शांति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पंडित यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि बंशीधर ज्योतिष पंचांग, जयमार्तंड पंचांग व दिवाकर पंचांग के अनुसार श्राद्ध की तिथि इस प्रकार रहेगी।
अनन्त चतुर्दशी 28 को मनाई जाएगी
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली अनन्त चतुर्दशी 28 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन मंदिरों में अनन्त चतुर्दशी की कथा होगी और श्रद्धालु व्रत रखेंगे। भगवान विष्णु के अनंत रूप में पूजा की जाएगी।
श्राद्ध एक नजर में
29 सितम्बर को - पूर्णिमा व प्रतिपदा का श्राद्ध
30 सितम्बर- दोयज का श्राद्ध
1 अक्टूबर - तीज का श्राद्ध
2 अक्टूबर- चतुर्थी का श्राद्ध
3 अक्टूबर- पंचमी का श्राद्ध
4 अक्टूबर- छठ का श्राद्ध
5 अक्टूबर- सप्तमी का श्राद्ध
6 अक्टूबर- अष्टमी का श्राद्ध
7 अक्टूबर - नवमी का श्राद्ध
8 अक्टूबर- दशमी का श्राद्ध
9 अक्टूबर - एकादशी का श्राद्ध
10 अक्टूबर- इस दिन कोई श्राद्ध नहीं है
11 अक्टूबर - द्वादशी (बारस) का श्राद्ध
12 अक्टूबर - त्रयोदशी का श्राद्ध
13 अक्टूबर- चतुर्दशी का श्राद्ध
14 अक्टूबर- सर्वपितृ श्राद्ध, देवपितृ कार्य अमावस्या
Updated on:
27 Sept 2023 02:31 pm
Published on:
27 Sept 2023 02:29 pm
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