
तिजारा शहर राजस्थान के अलवर जिले के दुनिया की प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला की गोद मे, मनोहर प्राकृतिक दृश्य लिए, हरियाली की चादर ओढे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 95 किमी. दूर एंव जिला मुख्यालय से 55 किमी. दूर हरियाणा सीमा से जुडा अलवर दिल्ली राजमार्ग पर स्थित है। इसे राजस्थान का सिंहद्वार भी कहा जाता है। वर्तमान मे तिजारा राजस्थान मे अपना विशेष महत्व रखता है। यह पर्यटन एवं ऐतिहासिक दृष्टि से भी पूरे देश मे जाना जाता है।
तिजारा विधानसभा मे तिजारा, भिवाडी व टपूकडा कुल तीन प्रमुख कस्बे हैे जिसमे भिवाडी, टपूकडा, चौपानकी, खुशखेडा, कारौली औघोगिक क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है। तिजारा क्षेत्र का विकास तो हुआ है लेकिन सरकार की योजनाओ को लागू करने मे धीमी चाल के चलते आगे के विकास मे काफी देरी हो रही है। करीब दो साल पहले तिजारा कस्बे की नई टाउनशिप का मास्टर प्लान 2031 आने से स्थानीय लोगो को क्षेत्र का विकास व तिजारा कस्बे के आसपास औधोगिक इकाइयां आने की उम्मीद जागी लेकिन लगता है सरकार अपना ही बनाया मास्टर प्लान भूल गई है।
जिसके कारण सरकार की कई नई योजनाएं आने के बावजूद विकास में काफी देरी हो रही है जिसका नुकसान आमजनता को उठाना पड रहा है। वहीं विधानसभा क्षेत्र मे हजारों आधौगिक इकाइयां होने पर भी आज भी स्थानीय युवाओ को रोजगार नही मिलता है। तिजारा विधानसभा क्षेत्र के प्रथम विधायक स्वतंत्रता सेनानी घासीराम अग्रवाल थे।
क्षेत्र की प्रमुख जनसमस्याएं एवं तिजारा कस्बे को लेकर जनता की उम्मीदें
तिजारा कस्बे के विकास को लेकर आमजनता की कस्बे का सौन्दर्यकरण, कस्बे के चारों ओर भारी वाहनों से लगने वाले जाम से निजात पाने के लिये रिगं रोड, सामुदायिक अस्पताल मे सभी आधुनिक सुविधाएं, कस्बे मे पार्किंग स्टैण्ड, खेल स्टेडियम सहित कई मांगे है। वही क्षेत्र को रेल सुविधा से जोडने की पुरानी मांग भी अभी तक अधूरी है। कस्बे के आसपास औधोगिक इकाइयां लगे जिसमे युवाओं को रोजगार मिले।
Published on:
10 Apr 2018 06:04 pm
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