
अलवर. बानसूर कस्बे के भूपसेडा गांव में स्थित ठाकुर जी का मंदिर।
अलवर. जिले के बानसूर कस्बे से चार किलोमीटर दूर अलवर मार्ग बसा है गांव भूपसेड़ा। भूपसेड़ा का पुराना नाम भूरेडा था। बसने से पूर्व पुराना गांव भूरेडा गांव के पास ही पहाड़ी के पास बसा हुआ था।
पूर्व सरपंच कैलाश चंद यादव सहित ग्रामीणों ने बताया कि हुल्लड़ क्रांति के समय घल्डवाल क्षेेत्र के लोगों की महिलाएं अदम्य साहस का परिचय देते हुए सती हुई। गांव कानपुरा के पास आज भी सती मंदिर बने हुए हैं, जहां घल्डवाल क्षेत्र के लोग मांगलिक कार्य से पहले मंदिर में धोक लगाते हंै। मंदिर के प्रति लोगों की आज भी आस्था है। वर्तमान में यादव बाहुल्य वाले गांव भूपसेड़ा में सभी जातियों के लोग निवास करते हैं। गांव में आपस में सभी वर्गों में आपसी सामजंस्य और प्रेमभाव है। वहीं हर वर्ग के लोग एक दूसरे के हर समय काम आते हैं। गांव में एकता की आसपास के गांवों में मिसाल है। करीब 15 हजार की आबादी वाले गांव भूपसेड़ा में समय के साथ विकास भी हुआ। रोजमर्रा की वस्तुएं गांव में आसानी से मिल जाती है। गांव में बड़ी संख्या में युवा भारतीय सेना सहित राजकीय सेवाओं एवं निजी क्षेत्र में नौकरियों में भी लगे हुए है। पहले की तुलना में गांव में शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। गांव में बड़ी संख्या में लोग शिक्षित है और अपने काम धंधा कर रोजगार करते हैं। पानी पर्याप्त मात्रा में होने से पैदावार भी अधिक है। समय बदलाव के साथ गांव में पेयजल सहित हर गली मोहल्ले में सडक़ें बनी हुई हंै। वहीं आधुनिकता के दौर में बड़े-बड़े मकान बने हुए है और ग्रामीणों के पास लग्जरी गाडिय़ां भी हैं। गांव ग्राम पंचायत भवन सहित राउमावि स्थापित है।
ठाकुरजी मंदिर है आस्था का केन्द्र
गांव के मध्य स्थित ठाकुरजी का मंदिर एतिहासिक मंदिर है। मंदिर के प्रति ग्रामीणों की आस्था है। गत वर्ष गांव के ग्रामीणों के सहयोग से गत वर्ष वर्षो पुराने ठाकुरजी मंदिर का जीर्णोद्वार कर मंदिर को नया रूप देकर विधि विधान से मूर्ति विराजित कर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मंदिर जीर्णोद्वार में गांव में सेठो, भामाशाहों एवं ग्रामीणों ने सहयोग किया। सेठ ग्यारसीलाल मित्तल ने बताया कि ठाकुरजी का मंदिर करीब 200 वर्ष से अधिक पुराना है।
50 साल पुरानी है ग्राम पंचायत
वर्तमान में भूपसेड़ा ग्राम पंचायत 1970 में स्थापित हुई। इससे पहले गांव भूपसेड़ा हाजीपुर ग्राम पंचायत के अधीन आती थी। गांव के प्रथम सरपंच श्रीराम यादव बने जो तीन बार गांव के सरपंच चुने गए। वर्तमान में भूपसेड़ा के राजस्व गांव कानपुरा की महिला सुमन सुभाष यादव बानसूर पंचायत समिति की प्रधान पद पर कार्यरत है। वहीं गांव के सेठों ने गांव से निकलकर दूसरे दिल्ली, हैदराबाद सहित अन्य शहरों में रहकर व्यवसाय करते हंै। दूसरे शहरों में रहने के बाद उनकी जुडाव आज भी गांव से बना हुआ है।
Published on:
19 Jan 2023 01:36 am
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