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गरीबों को अनाज न मिलने की ये है वजह

नयाबास निवासी कजोड़ी देवी की उम्र लगभग 60 साल है। पैरों में तकलीफ रहती है। चलना-फिरना मुश्किल है लेकिन ये मिनी सचिवालय की तीसरी मंजिल तक सीढि़यों के जरिए पहुंची। सांस फूल रही थी। तीसरी मंजिल तक पहुंचते ही राहत की सांस ली। कह रही थी कि अनाज मिलने में भले ही सफलता नहीं मिले लेकिन तीसरी मंजिल तक जरूर पहुंच गई। इन्हें एक साल से अनाज नहीं मिल रहा है। कई बार चक्कर लगा चुकी। हर बार उन्हें रसद विभाग नया ज्ञान देता है।

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अलवर

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susheel kumar

Feb 29, 2024

गरीबों को अनाज न मिलने की ये है वजह

गरीबों को अनाज न मिलने की ये है वजह

नाम के राशन कार्ड...वर्षों से नहीं मिला अनाज का एक दाना
- जिले के हजारों लोगों की ये समस्या, रसद विभाग इस समस्या की जड़ तक नहीं पहुंच पा रहा

- विभाग का दफ्तर तीसरी मंजिल पर, लोगों के चढ़ते-चढ़ते फूल रहे हाथ-पांव

नयाबास निवासी कजोड़ी देवी की उम्र लगभग 60 साल है। पैरों में तकलीफ रहती है। चलना-फिरना मुश्किल है लेकिन ये मिनी सचिवालय की तीसरी मंजिल तक सीढि़यों के जरिए पहुंची। सांस फूल रही थी। तीसरी मंजिल तक पहुंचते ही राहत की सांस ली। कह रही थी कि अनाज मिलने में भले ही सफलता नहीं मिले लेकिन तीसरी मंजिल तक जरूर पहुंच गई। इन्हें एक साल से अनाज नहीं मिल रहा है। कई बार चक्कर लगा चुकी। हर बार उन्हें रसद विभाग नया ज्ञान देता है।

इनकी पीड़ा कौन सुने
यही हाल कालाकुआं निवासी इमरती देवी का है। उनका राशन कार्ड तीन साल पहले बन गया था लेकिन अनाज का एक दाना भी नहीं मिल पाया। परिवार के लोग अनाज खरीदते हैं और वही खाते हैं। देसूला गांव की रोशनी, कमला आदि भी समस्या लेकर मिनी सचिवालय पहुंची थी। हर कोई परेशान है। अनाज नहीं मिल रहा। कहती हैं कि सरकार फूड किट बांट रही है लेकिन उनके घर तक आज तक नहीं पहुंची। अनाज तो पहले ही नहीं मिल रहा था। ये उदाहरण हर दिन देखने को मिलते हैं। मिनी सचिवालय के तीसरे तल पर रसद विभाग में लोग पहुंचते हैं। तमाम बुजुर्ग महिलाएं तो तीसरे मंजिल तक जाने की बात सुनकर ही वापस लौट जाती हैं। क्योंकि वहां तक पहुंचना उनके लिए मुश्किल है।

17 लाख लोगों को मिलता है राशन
जिले में राशनकार्ड धारक परिवार करीब 5 लाख हैं। इन राशन कार्ड के जरिए करीब 17 लाख लोगों को राशन पहुंचता है। जिले की आबादी करीब 44 लाख है। पांच साल में 8 हजार से ज्यादा राशन कार्ड बने लेकिन उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। उसका कारण ये है कि खाद्य सुरक्षा में पंजीकरण नहीं हो पाया। पोर्टल केंद्र सरकार की ओर से खोला जाना है, जो आज तक बंद चल रहा है। रसद विभाग इसके लिए रास्ता नहीं निकाल रहा। जनता परेशान हो रही है।


खाद्य सुरक्षा में पंजीकरण कराने के बाद ही अनाज मिलता है। इसका पोर्टल बंद चल रहा है। पोर्टल खुलने के बाद ई-मित्र पर जाकर लोग पंजीकरण कराएं।
- रणधीर सिंह, प्रभारी डीएसओ